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ओपीडी बंद, इमरजेंसी वाले कहते गंभीर हालत में लाओ

जिले में सरकारी अस्पतालों की ओपीडी पर ताले लटके हैं। 36 लाख की आबादी वाली जनता या तो झोलाछाप पर निर्भर है या फिर सरकारी अस्पतालों की निशुल्क दवा पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, बदायूंWed, 19 May 2021 03:42 AM
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बदायूं। संवाददाता

जिले में सरकारी अस्पतालों की ओपीडी पर ताले लटके हैं। 36 लाख की आबादी वाली जनता या तो झोलाछाप पर निर्भर है या फिर सरकारी अस्पतालों की निशुल्क दवा पर निर्भर है। मगर कोरोना काल में जब से ओपीडी बंद हुई है। तब से सर्दी, बुखार, जुकाम, पेट दर्द, दस्त सहित सामान्य बीमारियों के मरीजों के सामने भी संकट आ गया है।

जिले की बिसौली, सहसवान, बिल्सी, उझानी, दातागंज, बिनावर सहित सीएचसी, पीएचसी के हालात यह हैं कि गंभीर मरीज हो तब तक अस्पताल में एंट्री करते हैं। इसके बाद भी बिना देरी किये रेफर करते हैं। इतना ही नहीं डॉक्टर साफ कहते हैं गंभीर मरीज को दवा है बाकी लोगों को दवा नहीं हैं। हिन्दुस्तान समाचार पत्र की टीम ने पड़ताल की तो हकीकत खुलकर सामने आ गयी कि ओपीडी पर ताला लटका है और इमरजेंसी सहित अन्य टेबिल पर मरीजों की सुनने को तैयार नहीं हैं।

चांदी काट रहे प्राइवेट डॉक्टर

स्थान : जिला पुरुष अस्पताल

बदायूं जिला पुरुष अस्पताल में इन दिनों इमरजेंसी पर ओपीडी के मरीज टूट रहे हैं। ओपीडी पर ताला लटका हुआ है लेकिन ओपीडी को अब तक खोल नहीं गया है। जिसकी वजह से मरीज आते हैं तो या तो इमरजेंसी में डॉक्टर से दवा लिखवा लें तो बाहर से खरीदते हैं या फिर वापस लौटते हैं। ऐसे वक्त में प्राइवेट डाक्टरों के यहां पहुंच रहे। जहां उन्हें इमरजेंसी के नाम पर दो से तीन गुनी फीस देनी पड़ रही है।

बंद ओपीडी, लौटे मरीज

स्थान : बिसौली सीएचसी

बिसौली। ओपीडी बंद हो चुकी है, कोरोना की वजह से मरीजों को अधूर उपचार मिल रहा है। अधिकांश मरीजों को वापस कर दिया जाता है और गंभीर मरीजों को ही उपचार देते हैं। बीते दिनों सीएम खोलने की बात मेरठ में कर चुके हैं लेकिन इसके बाद भी ओपीडी नहीं खोली गई है। बंद ओपीडी की वजह से मरीज वापस लौटे हैं।

बिना ओपीडी उपचार के लाले

स्थान : सहसवान सीएचसी

सहसवान। सीएचसी पर मंगलवार को भी ओपीडी नहीं खुली जबकि बुखार खांसी जुकाम के मरीजों दवाई दी जा रही है। गंभीर रोगियों मार्ग दुर्घटना में घायल और आपसी झगड़े में घायल हुए रोगियों का उपचार किया जा रहा है। ओपीडी पर ताले लटके रहे हैं इसलिये सभी मरीजों को उपचार नहीं मिल पाया है।

दरवाजा खुला, उपचार नहीं

स्थान : दातागंज सीएचसी

दातागंज। तहसील मुख्यालय की सीएचसी है, यहां मरीजों की भरमार रहती है। मगर कोरोना काल में ओपीडी बंद हो चुकी हैं जिसकी वजह से मरीजों को दिक्कत हो रही है। अब सीएचसी पर ओपीडी का गेट तो खोल रखा है लेकिन अभी तक खुली नहीं हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रयास कर रहे हैं बुधवार तक खोल सकते हैं।

मरीज आने से कर देते रेफर

स्थान : उझानी सीएचसी

उझानी। सीएचसी उझानी पर मरीजों की बहुत ज्यादा बेकदरी है, जब से ओपीडी बंद हुयी है। तब से सर्दी, बुखार, खांसी, दस्त सहित हल्की-फुल्की समस्या वाले मरीजों के सामने संकट खड़ा हो गया है। मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। हालात यह हैं कि मरीज पहुंचकर अपनी बात नहीं बता पाता है, तब तक रेफर पर्चा बना देते हैं। वहीं गंभीर मरीज एंबुलेंस से उतर नहीं पाता है तब तक रेफर हो जाता है।

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