जिंदगी भर इमाम हुसैन की तालिममात पर अमल करना
गम ए हुसैन के अंतिम दिन जुमेरात को मजलिस ए अजा का सिलसिला जारी रहा। इमामबाड़ा मुत्तकीन से शिया कर्बला काजी हौज तक जुलूस निकाला गया। जनाब सैय्यद गुलाम अब्बास ने कहा कि इमाम हुसैन का पैगाम सभी इंसानियत...
गम ए हुसैन के अंतिम दिन जुमेरात को मजलिस ए अजा का सिलसिला जारी रहा और इमामबाड़ा मुत्तकीन से शिया कर्बला काजी हौज तक पैदल सफर ए इश्क जुलूस निकाला गया। जिसमें अंजुमन जुल्फिकार ए हैदरी रजि बदायूं ने नोहखवानी एवं सीनाजनी की शिया कर्बला काजी हौज में सोग परचम को उतारा गया। कर्बला में मजलिस को खिताब करते हुए जनाब सैय्यद गुलाम अब्बास ने कहा कि आज हमसे अय्याम ए अजा ए हुसैन रुखसत हो रहे हैं, लेकिन पैगाम ए हुसैन को रुखसत नहीं करना हैं हमें जिंदगी भर इमाम हुसैन की तालिममात पर अमल करना है और जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करना है। इमाम हुसैन का पैगाम सिर्फ शिया मुसलमानों के लिए नहीं हैं बल्कि सारी इंसानियत के लिए है। आखिर में शेर पढ़े गये। अनफ रिजवान, आरजू, फहीम हैदर, जुनैद अब्बास, मिंहाल, रजा जैदी, अरमान जैदी मौजूद थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।