इटली के जेलर की बेटी बनी बदायूं की तनु
मेरठ की सड़कों पर भटकती बच्ची को बदायूं में संरक्षण मिला। डेढ़ साल लालन-पालन के बाद उसे इटली के माता-पिता मिले। बच्ची का नाम तनु रखा गया है और अब वह इटली की निवासी बन गई है। उसके नए माता-पिता ने गोद...
बदायूं, संवाददाता। मेरठ की सड़कों पर भटकती बच्ची से माता-पिता और परिवार बिछड़ गया, लेकिन उसे क्या पता था कि सरकार के संरक्षण में उसे नये माता-पिता भी मिलेंगे और नया नाम भी मिलेगा। मेरठ की सड़कों से भटकती बच्ची को बदायूं में संरक्षण मिला और डेढ़ साल तक लालन-पालन किया गया। इसी बीच उसको नाम भी तनु दिया गया लेकिन अब उसको नये माता-पिता भी मिल गए हैं। सड़क पर बिछड़ी बच्ची छह वर्ष में माता-पिता को सही से याद नहीं कर पाई, लेकिन वह क्या जानती जाति-धर्म और समुदाय क्या होता है। आज उस बच्ची को नये माता-पिता मिले हैं और अब तनु इटली निवासी हो गई है।
शनिवार को इटली के जेलर और उनकी पत्नी गोद ली बच्ची तनु को लेने बदायूं पहुंचे। बदायूं शहर के मोहल्ला नेकपुर स्थित संचालित दत्तक विशेषज्ञ गृह पहुंचे और यहां डेढ़ साल रह चुकी तनु के जन्म प्रमाण पत्र, पोसपोर्ट, डीएम का जजमेंट सहित पत्रों को लेने इटला का परिवार आया। मथुरा से बाई कार बदायूं पहुंचे इटले के परिवार ने डीएम और एसएसपी सहित प्रशासन से एनओसी लेकर दोपहर बाद फिर मथुरा को रवाना हो गए। बतादें कि इटली देश के एग्रेंट ब्रिंजा से पिता कॉनकोसी, मां शिलविया ने आठ वर्षीय बच्ची तनु को गृहमंत्रालय की प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए गोद लिया है। बच्ची को मथुरा से ही दिल्ली ले गए और वहां से इटली के लिए गए हैं लेकिन उससे पहले बच्ची की एनओसी लेने बदायूं आना पड़ा है। बताया जा रहा है कि आठ वर्षीय बच्ची तुन के पिता इटली में जेलर हैं, मां ग्रहणी हैं।
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चाइना से गोद लिया बेटा
पिता कॉनकोसी, मां शिलविया ने बताया कि शादी के बाद से उनके कोई संतान नहीं हुई है। उनके पास एक बेटा है वह इस समय 13 वर्ष का है, उन्होंने उस बच्चे को चाइना से गोद लिया था। जब बेटा को गोद लिया था उस समय बेटा की उम्र तीन वर्ष थी।
ऐसे मिली तनु
पिता कॉनकोसी, मां शिलविया ने बताया कि उन्हें संतान चाहिए थी और काफी इधर-उधर प्रयासरत थे। ऑनलाइन गूगल की साइड पर देखा तो भारत गृहमंत्रालय की बेवसाइट कारा पर पूरी प्रक्रिया को देखा तो एक से पहले आवेदन किया। पासपोर्ट एवं अन्य प्रक्रिया गृहमंत्रालय भारत सरकार से पूरी की गई। इसके बाद आदेश प्रमुख सचिव निदेशालय उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार से पत्राचार पूरा होने के बाद बच्ची गोद मिली। इसके लिए बदायूं डीएम को शासन से निर्देशित किया गया। इसके बाद वह बच्ची की एनओसी लेने बदायूं आये थे।
मेरठ से बदायूं आई थी तनु
तुन अब इटली की निवासी बन गई है और उसको माता-पिता मिल गए हैं। गृहमंत्रालय की प्रक्रिया के बाद इटली के माता पिता ने गोद ले लिया है लेकिन तनु वैसे मेरठ से बदायूं आई थी। 23 जनवरी 2023 को तुन को छह वर्ष की आयु में मेरठ की बाल कल्याण समिति ने बदायूं के विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण में संरक्षण को रखा था। अब तनु की उम्र आठ साल की हो गई है। बदायूं में लालन-पालन डेढ़ साल ही हो पाया था। 09 मार्च 2024 को बच्ची तनु को मथुरा सिफ्ट किया गया था।
फिर संचालित हुआ दत्तक गृहण
शहर के मोहल्ला नेकपुर स्थित विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण फिर से संचालित हो गया है। यहां वर्तमान में तीन बच्चे संरक्षित हैं। जिनका दत्तक ग्रहण में लालन-पालन किया जा रहा है। विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण संचालक अनूप सक्सेना के द्वारा संचालित किये गये हैं। इसमें तीन बच्चों में से एक बच्ची बदायूं के लालपुल से मिली हुई है, दो अन्य बच्चे हैं।
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