हिन्दुस्तान मिशन शक्ति : हौसला बुलंद कर कदम बढ़ाएं, कामयाबी जरूर मिलेगी
Hindustan Mission Shakti: step up courage, success will surely be achieved Hindustan Mission Shakti,
बदायूं। जीवन में हौसला बुलंद रखें और कदम आगे बढ़ायें कामयाबी जरूर मिलेगी। किसी पर निर्भर न रहें, ब्लकि खुद आत्मनिर्भर बनें। मुश्किलें कितनी भी आयें मुकाबला करो ये शब्द उन तीन महिला शक्ति के थे जो समस्याओं से गुजरने के बाद समाज में उच्च मुकाम पर पहुंची है। महिला शक्ति ने संवाद कार्यक्रम में छात्राओं को मेहनत के बल पर आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया।
हिन्दुस्तान मिशन शक्ति अभियान के तहत स्कूल संवाद कार्यक्रम राजकीय पॉलीटेक्निक में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानाचार्य डॉ. एसके आजाद ने मां सरस्वती के समक्ष दीप जलाकर की। इसके बाद संबोधन का दौर शुरु हुआ। प्रधानाचार्य डॉ. एसके आजाद ने अपने जीवन में किये गये संघर्षो से अवगत कराते हुये छात्राओं को मन लगाकर पढ़ाई करने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जीवन की सबसे बढ़ी दौलत पढ़ाई है। इसे अगर हासिल कर लिया तो कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे में पढ़ाई का विशेष ध्यान रखें। जीवन में लक्ष्य तय करना भी बहुत जरुरी है। ऐसा करने से मंजिल आसानी से मिल जाती है। प्रधानाचार्य ने कहा कि जीवन में समस्यायें तो आती जाती रहती हैं, अगर कोई समस्या आये तो उससे हिम्मत नहीं हारें और उसका डटकर मुकाबला करें, सफलता जरूर मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान छात्रा संध्या, रामा, प्रियंका ने ट्रेनरों से महिला सुरक्षा एवं उनके अधिकारों से जुड़े सवाल पूछे। कार्यक्रम का संचालन महेंद्र सिंह ने किया।
मुश्किलों से डरें नहीं, सामना करना सीखें
बदायूं। ट्रेनर महालक्ष्मी ने छात्राओं में अपने जीवन में किये गये संघर्ष की दास्तान सुनाई। उन्होंने कहा कि जीवन में कितनी भी बड़ी मुश्किलें आ जाये उनसे डरना नहीं, सामना करने पर जीत जरूर मिलेगी। उन्होंने खुद के बारे में उदाहरण देते हुये कहा कि शादी के बाद पढ़ाई छूट गयी। आगे की पढ़ाई के लिये इच्छा जताई तो ससुराल पक्ष ने इजाजत नहीं दी। एक बार तो फार्म भरा हुआ ननद ने फाड़ दिया, फिर भी हिम्मत नहीं हारी सभी को समझाया और पढ़ाई के लिये तैयार कर लिया। उस दौर में किये गये संघर्ष के बल पर शिक्षिका बनने का मौका मिला है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि मेहनत का फल मीठा होता है। जीवन में मेहनत करने में कसर न छोड़े। मेहनत करने पर कामयाबी तो मिल ही जाती है।
सफलता जरूर मिलेगी, पीछे मुढ़कर मत देखो
बदायूं। ट्रेनर राहिबा खान खुद ऐसी परिस्थतिथियों से गुजरी हैं, जिन्हें बताते-बताते वह मंच से भावुक हो गयी। उन्होंने कहा कि आर्थिक समस्यायें आड़े आने के बाद भी पढ़ाई नहीं छोड़ी। घरेलू समस्याओं के चलते पॉर्ट टाइम जॉब की। घर का खर्चा चलाने के साथ ही खुद की पढ़ाई की। आज चाइल्डलाइन में सदस्य के रूप में काम करने का मौका मिला है। उन्होंने छात्राओं को गुड टच, बैड टच के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही बताया कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिये कभी पीछे मुढ़कर नहीं देखना चाहिये। हमेशा आगे देखों मंजिल जरूरी मिलेगी। भले ही देर क्यों न कितनी भी हो जाये।
जुनून के साथ करें पढ़ाई, मंजिल आसान होगी
बदायूं। ट्रेनर खुशबू मथुरिया ने कहा कि जुनून होना बहुत जरूरी है। जुनून के बल पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है। पढ़ाई भी जुनून के साथ करें। उन्होंने अपने बारे में बताते हुये कहा कि बीए के बाद शादी हो गयी, लेकिन मन में पढ़ाई का जुनून था। ससुराल पहुंचने पर कुछ समस्यायें आड़े आ गयीं, फिर भी हिम्मत नहीं हारी जुनून को जारी रखा। एक प्राइवेट स्कूल में 1200 रुपये महीने की नौकरी कर खुद की पढ़ाई की। ससुराल आकर बीएड, एमएड, पीजीडीएम किया। उन्होंने कहा कि बेटियां आज किसी से कम नहीं हैं। वह हर क्षेत्र में आगे बढ़कर कार्य कर रही हैं। बेटियां घर आंगन से लेकर देश की शान हैं।
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