कछला में गंगा खतरे के निशान से नीचे
कछला के भागीरथी घाट पर लगे केंद्रीय जल आयोग के मीटर गेज पर पिछले 24 घंटों में गंगा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। गंगा खतरे के निशान से नीचे वह रही है। इस बीच नरौरा बांध से 12 हजार 422 क्यूसेक पानी...
कछला के भागीरथी घाट पर लगे केंद्रीय जल आयोग के मीटर गेज पर पिछले 24 घंटों में गंगा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है। गंगा खतरे के निशान से नीचे वह रही है। इस बीच नरौरा बांध से 12 हजार 422 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
कछला पर गंगा नदी में पानी का जलस्तर बहुत धीमी गति से ही बढ़ रहा है, जुलाई का महीना होने के बाद भी 162.55 मीटरगेज पर जल स्तर टिका है। यहां गंगा का खतरे का निशान 165 मीटर पर है। गंगा किनारे के गांव बाढ़ को लेकर अलर्ट हैं। बाढ़ से प्रभावित कछला के आसपास ज्यादा गांव नहीं होते हैं, मगर गंगा किनारे के जो गांव हैं वही कुछ समस्या में आते हैं। दूर-दराज के गांव को दिक्कत सहसवान और उसहैत में दिक्कत होती है।
गंगा में समा चुका है हुसैनपुर गांव
दो दशक पूर्व आई बाढ़ से हुसैनपुर गांव पूरी तरह गंगा में समां गया। बाद में जब जलस्तर कम हुआ तो गंगा के कटान ने गांव का नामों निशान ही मिटा दिया। उसके बाद जिला प्रशासन ने कछला सहसवान रोड के दूसरी ओर पाठकनगला नाम से नई बस्ती स्थापित कर दी। वहीं कुछ लोगों ने सड़क किनारे अपने अशियाने बना लिए। जिसे अब हुसैनपुर के नाम से जाना जाता है। गांव के बुर्जग आज भी दो दशक पुरानी यादें करते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
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