आठ क्विंटल बीघा की पैदावार में फंसे जिले के किसान
जिले में बिना डीलर के बरेली और चंदौसी के डीलर से किसानों को गौरी ब्रांड धान का बीज महाराष्ट्र की बिकवा दी। महाराष्ट्र की कंपनी के धान के बीज से किसानों के एक हजार बीघा से ज्यादा में खड़ी यह धान की...
जिले में बिना डीलर के बरेली और चंदौसी के डीलर से किसानों को गौरी ब्रांड धान का बीज महाराष्ट्र की बिकवा दी। महाराष्ट्र की कंपनी के धान के बीज से किसानों के एक हजार बीघा से ज्यादा में खड़ी यह धान की फसल खराब निकली है।
गौरी ब्रांड लगाओ आठ क्विंटल बीघा की पैदावार देगा। किसान ज्यादा उपज के चक्कर में धोखाधाड़ी का शिकार हो गये। किसानों ने बताया कि, बीज इस लिये लिया कि मोटा धान है सीजन में दो हजार रुपए प्रति क्विंटल से कम बिक्री नहीं रहती है। इसे लगाने से प्रति बीघा 16 हजार रुपए कमा सकेंगे। किसानों ने लालच में आकर गौरी ब्रांड का धान 320 रुपए प्रति किलो लिया है। यह धान जिले के 600 किसानों ने लिया है, जिले में एक हजार बीघा से ज्यादा जमीन पर बोया गया है।
विभाग ने अब तक 156 किसान और 26 क्विंटल बीज की सप्लाई सत्यापित कर ली है।
मंगलवार को जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक महाराष्ट्र की कंपनी कीर्तिमान एग्रीजंक्शन को नोटिस जारी कर दिया है। पूछा, कंपनी का जिले में कोई डीलर तो बनाया नहीं है तो धान के बीज की सप्लाई कैसे की गयी। चंदौसी के बालाजी बीज भंडार, बरेली के पाठक बीज भंडार को यहां सप्लाई करने के लिये अनुमति किसने दी। तीन दिन में जबाव न आने पर मुकदमा दर्ज करा दिया जायेगा।
दातागंज में 800 बीघा धान की फसल खराब
महाराष्ट्र की कपंनी ने गौरी ब्रांड का ऐसा खराब हाईब्रेड बीज दिया है। जिसने किसानों की बर्वादी में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अकेल दातागंज में ही करीब सौ से अधिक किसानों को बीज की सप्लाई की गई और किसानों की 800 बीघा धान की फसल खराब निकल गयी है। अकेले बीरमपुर में ही किसानों की 400 बीघा जमीन पर गौरी ब्रांड का बीज लगा हुआ था।
इन जिलों में भी सप्लाई हुआ धान
जिले में महाराष्ट्र की कंपनी का धान सप्लाई हुआ जो खराब निकला है। यह धान बदायूं के अलावा बरेली, शाहजहांपुर, फर्रूखाबाद, संभल, मुरादाबाद में सप्लाई किया गया। सीमावर्ती जिले के चलते यहां के किसान वहां से धान लाये हैं और वहां के यहां से ले गये हैं, इसलिए सूची बनाने में पेंच फंस रहा है। फिर भी विभाग सूची तैयार करा रहा है।
बीज विक्रेता फंसे
कंपनी ने बड़े स्तर पर बीज की सप्लाई की और रुपया बटोरा। किसानों को खराब बीज दे दिया है, जो खेत में जमा तो है मगर बाल नहीं आयी है। ऐसे में किसान बीज बिक्रेताओं पर दवाब बना रहे हैं और मुकदमे कीमांग कर रहे हैं।
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