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गांव से निकालकर हाईवे पर गोवंश लाए किसान, खबर में जानें क्या है मामला

गोवंश के प्रति सरकार की गंभीरता केवल दफ्तरों तक सीमित रह गई है। अफसर दफ्तरों में खानापूर्ति कर रहे हैं और किसान दिनरात परेशान हैं। गोवंश से फसलें बचाते-बचाते किसान परेशान हो गए हैं और अब किसान सड़क पर...

Dinesh Rathour बदायूं, हिन्दुस्तान संवाद, Sun, 9 Feb 2020 12:29 PM
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गोवंश के प्रति सरकार की गंभीरता केवल दफ्तरों तक सीमित रह गई है। अफसर दफ्तरों में खानापूर्ति कर रहे हैं और किसान दिनरात परेशान हैं। गोवंश से फसलें बचाते-बचाते किसान परेशान हो गए हैं और अब किसान सड़क पर आ गए। किसान गोवंश को खेतों से घेरकर सड़कों पर ले आए और दौड़ाकर दूसरे जंगल में छोड़ा है। बरेली-मथुरा हाईवे पर उझानी से कछला के बीच एक अलग नजारा ही देखने को नहीं मिला हर कोई परेशान दिखाई दिया है। अफसर घरों और कार्यालयों में थे किसानों ने रातभर फसलों को गोवंश से रखाया और एकत्र कर फिर गोवंश को हाईवे पर ले आए। सुबह-सुबह हाईवे पर वाहन कम सैकड़ों की संख्या में पशुओं का झुंड लेकर दौड़ाते नजर आए हैं। किसान कछला के जंगल में ले जाकर छोड़ आए हैं। उस दौरान सड़कों के दोनों ओर खड़े थे और खेत में पशुओं को न जाने दे रहे थे। किसान गोवंश को सड़कों पर दौड़ाते हुए कछला की ओर ले गए हैं।

हादसा होने से बचे राहगीर

 बरेली-मथुरा हाईवे पर उझानी और कछला के बीच के गांव के लोग गोवंश को जंगलों से निकालकर सड़कों पर लाए तो पशुओं को दौड़ा दिया। जिस हाईवे पर दो पहिया से लेकर बस-ट्रक दौड़ा रहे थे, उसी पर गोवंश को सैकड़ों की संख्या में दौड़ाया तो कई बार हादसे होने से बचे। कई बाइक सवार तो गिरते-गिरते बचे हैं।

जंगली गोवंश के नाम पर अनदेखी

उझानी ब्लाक क्षेत्र के जंगल में सैकड़ों की संख्या में छुट्टा गोवंश घूम रहे हैं। जिसको लेकर शिकायत भी की गई तो ब्लाक स्तरीय पशु पालन एवं प्रशासनिक अफसरों ने आसानी से कह दिया कि जंगली गोवंश हैं इन्हें कहां तक पकड़े। ऐसे में किसानों को मजबूरन गोवंश को दौड़ाना पड़ रही हैं।

तो गोशाला समाप्त, भूले अफसर

उझानी ब्लाक क्षेत्र के अधिकांश गांव के किसान परेशान हैं। किसानों की मानें तो कई गांव में गोशालाएं समाप्त हो चुकी हैं, गोशालाएं टूट गई हैं और देखभाल बंद हो गई और अधिकारी भी भूल चुके हैं। जिसकी वजह से गोवंश खेतों में चर रही हैं।

गोवंश तो गोशाला में हैं, सड़कों पर कौन लेकर आया है इसके बारे में पता करते हैं। ब्लाक स्तरीय अफसरों ने तो सूचना नहीं दी है। वीडियो के आधार पर पड़ताल करते हैं और देखते हैं।
डॉ. अरुण कुमार जौदान, सीवीओ

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