शिवभक्ति की आस्था, दिव्यांग भी जलाभिषेक को जल लेने पहुंच रहे
सावन माह में भगवान शिव की आस्था में दिव्यांग भी शामिल हैं। कछला पहुंचे शिव भक्त गंगा स्नान कर जलाभिषेक के लिए पैदल यात्रा शुरू कर रहे हैं। पीलीभीत के कांवड़िया अपना भोजन साथ लाते हैं और धर्म स्थलों पर...
कछला/उझानी। सावन माह में भगवान शिव की आस्था हर किसी सनातनी में दिखाई दे रही है। आस्था के चलते दिव्यांगों की लाचारी भी हार मान रही है। जिन्हें बगैर सहारे से चार कदम भी चलना मुश्किल है। वह शिव भक्ति की आस्था के चलते वैशाखी के सहारे गले में गंगा जल की कैन लटकाए सैकड़ो किलोमीटर का सफर तय कर जलाभिषेक कर रहे हैं। बुधवार को जहां पीलीभीत और बरेली जनपद से बड़ी संख्या में कछला पहुंचे शिव भक्तों ने गंगा स्नान कर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर पैदल कावंड़ यात्रा का हर हर बम बम के जयकारों के साथ शुभारंभ किया। पीलीभीत के बिलसंडा और पूरनपुर से आए शिवभक्तों ने बताया कि वह सावन की तेरस को अपने यहां के शिवालय पर जलाभिषेक करेंगे। वहीं बरेली के नबाबगंज से भाई बहिनों के साथ आए दिव्यांग ने कहा कि भगवान भोले ही उसे शक्ति देंगे उनकी कृपा से सकुशल यात्रा संपन्न होगी। वह पहले भी कछला से नबाबगंज पैदल चलकर जलाभिषेक कर चुके हैं।
........ भंडारो में भोजन नहीं करते पीलीभीत के कांवड़िया........
पीलीभीत, बीसलपुर, बिलसंडा से आने वाले कांवड़िया रास्तों में लगने वाले भंडारों में भोजन प्रसाद ग्रहण करते। अपना भंडारी और राशन साथ लेकर आते हैं। कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले धर्म स्थलों पर विश्राम के दौरान तैयार भोजन ग्रहण कर कांवड़यात्रा पूरी कर जलाभिषेक करते हैं। बल्कि बनने वाले बचे भोजन को दूसरे राहगीरों को प्रसाद के रूप में दे देते हैं। उनका मानना है कि अगर भंडारों का भोजन करेंगे तो उनका पुण्य लाभ भी आधा रह जाएगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।