सीएमओ कार्यालय में नहीं शौचालय, खुले में लघुशंका करते कर्मी
जिला स्तरीय कार्यालय में अव्यवस्थाएं हावी हैं। सीएमओ कार्यालय में पानी और शौचालय की कमी है। कर्मचारियों और फरियादियों को खुले में शौच करना पड़ता है। गर्मी में पानी के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है।...
अफसरों की नाक तले जिला स्तरीय कार्यालय में अव्यवस्थाएं हावी हैं। सीएमओ कार्यालय में कर्मचारियों और फरियादियों को पानी पीने के लिए संसाधन नहीं हैं इधर-उधर भटकते हैं और फिर खरीदकर पानी बीते हैं। इतना ही नहीं सीएमओ कार्यालय के कर्मचारियों और फरियादियों को अगर शौच लग आये तो घर की दौड़ लगाते हैं और लघुशंका लगे तो जिला महिला अस्पताल के परिसर में खुले में करते हैं। मगर जिम्मेदारों की नजरें इन अव्यवस्थाओं पर नहीं हैं। सीएमओ कार्यालय में दिनभर फरियादी आते हैं वहीं तीन दर्जन से ज्यादा कर्मचारी हैं। सभी दिनभर जो आमजन की समस्या से परेशान रहते हैं। पहली सबसे बड़ी समस्या यह है कि सीएमओ कक्ष के अलावा शौचालय नहीं है। दूसरी, तीसरी मंजिल पर है वह इतना गंदा है वर्षों से सफाई नहीं हुई है इतनी बदबू मारते हैं कि कार्यालयों में कर्मचारियों का रुकना मुश्किल है। नीचे कार्यालय के पीछे एक शौचालय बना भी है लेकिन उसका ताला आज तक नहीं खुला है। किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को यह नहीं पता है कि उसकी चाबी किसके पास है। वह भी छोटा सा है लेकिन सार्वजनिक शौचालय नहीं हैं। इसके चलते कर्मचारी फरियादी खुले में लघुशंका और शौच भी करते हैं।
हैंडपंप व नल खराब हैं इसके इलावा पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। गर्मी में पानी पीने को परेशान रहते हैं। इतना ही नहीं एनएचएम सभागार में आये दिन आशा, एएनएम की बैठक होती है, जिसमें महिलाओं को भी दिक्कत होती है।
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