भारत की गुलामी का कारण था आपस में बंटना : संजीव रूप
गांव गुधनी स्थित प्रज्ञा यज्ञ मंदिर पर रविवार को आर्य समाज का साप्ताहिक सत्संग हुआ। वैदिक विदुषी तृप्ति शास्त्री ने यज्ञ कराया। आचार्य संजीव रूप ने कहा कि भारत गुलामी के दौर में बंटा हुआ था। उन्होंने...
गांव गुधनी स्थित प्रज्ञा यज्ञ मंदिर पर रविवार को आर्य समाज का साप्ताहिक सत्संग किया गया। वैदिक विदुषी तृप्ति शास्त्री ने सामवेद के पवित्र मंत्रों से यज्ञ कराया। वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा कि सोने की चिड़िया विश्व गुरु भारत वर्ष लगभग एक हजार वर्ष गुलाम रहा, इसलिए नहीं कि मुगल आक्रान्ता या अंग्रेज बहुत ताकतवर थे, गुलाम इसलिए हुआ कि हम आपस में बंटे हुए थे। जिस देश का प्रत्येक व्यक्ति अपने देश का पहरेदार होता है, सिपाही की तरह होता है वह देश सुरक्षित व ताकतवर होता है। मत मजहब और पूजा पाठ से बड़ा राष्ट्र धर्म होता है। जो जाति संगठित नहीं रहती वह एक दिन मिट जाती है। एक रहेंगे तो सदा सुखी रहेंगे। इस मौके पर अगरपाल सिंह, साहब सिंह, राकेश आर्य, भावना आर्य, अंजलि आर्य, तानिया, संतोष कुमारी आदि मौजूद रहे।
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