बेघरों को मिले घर, पेशनधारियों को मिली टेंशन बेघरों को मिले घर, पेशनधारियों को मिली ये टेंशन
वर्ष 2018 अब अलविदा की ओर और नया वर्ष 2019 में चौखट पर खड़ा हुआ है। इस बदलते वर्ष की कड़ी में अलविदा 2018 यादगार बनकर जा रही है। नए वर्ष पर जिस तरह से उम्मीद कर रहे हैं, उसी तरह से खासकर गरीब...
वर्ष 2018 अब अलविदा की ओर और नया वर्ष 2019 में चौखट पर खड़ा हुआ है। इस बदलते वर्ष की कड़ी में अलविदा 2018 यादगार बनकर जा रही है। नए वर्ष पर जिस तरह से उम्मीद कर रहे हैं, उसी तरह से खासकर गरीब परिवारों को यादगार छोड़कर गुजरी वर्ष जा रही है। इस अलविदा वर्ष में जिले के बेघरों को घर मिला है और गरीब मुलूमों को योजनाओं का लाभ मिला है। वहीं जिले के करीब पांच हजार युवाओं को रोजगार भी दिया गया है। जिससे जिले के विकास कार्यों को रफ्तार मिली है।
बदायूं की 36 लाख की आबादी के लिए अलविदा वर्ष 2018 कुछ खास यादगार एवं लम्हें छोड़कर जा रहा है। चाहे वह गरीब परिवार हों, चाहे वह बेरोजगार हों और बेघर लोग हों। जिल में वर्ष भर में करीब एक दर्जन रोजगार मेला लगाकर करीब पांच हजार लोगों को नौकरी दी गई है, जिन्हें अलविदा वर्ष हमेशा याद रहेगी, क्योंकि इस वर्ष में नौकरी के रूप में एक बड़ी कामयाबी मिली है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना से घर मिले हैं। वह इन परिवारों के लिए एक बड़ा मुकाम रहेगा। सरकार की योजनाओं से अब तक जिले के करीब 12 हजार परिवारों को आवास मिले हैं। वहीं विकास एवं इंडस्ट्रीज पर गौर करें तो जिला प्रशासन ने उद्योग विभाग से कई फैक्ट्रियां संचालित की गई हैं। इसके अलावा दो बड़े प्रोजेक्ट जिले लिए बड़ा रोजगार का संसाधन उपलब्ध कराने जा रहे हैं। जिसमें दातागंज में 12 सौ करोड़ से एचपीसीएल कंपनी एथोनॉल प्लांट लगाने जा रही है। जिसमें 800 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा जिले में सोलर प्लांट के माध्यम से बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।गरीबों को पेंशन का झटकासपा सरकार में जिले के 94 हजार लोग समाजवादी पेंशन योजना का लाभ ले रहे थे। 2017 में विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पेंशन योजना बंद कर दी गई, इसके बाद यूपी सरकार ने जनता को भरोसा दिया कि मुख्यमंत्री आवास और मुख्यमंत्री पेंशन योजना लागू करेंगे। उसमें इन लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए केबिनेंट में प्रस्ताव गया, लेकिन मुख्यमंत्री आवास योजना का केबिनेट में प्रस्ताव पास हो गया और मुख्यमंत्री पेंशन योजना लटकी रह गई। 2018 में सालभर सरकार के पेंशन प्रस्ताव को लेकर गरीब इंतजार करते रहे, लेकिन पेंशन तो नहीं मिली। सालभर टेंशन ही मिली है।ओडीएफ घोषित होगा बदायूं, हटेगा कलंकसमाज के बीच कंलक हटाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार का ओडीएफ अभियान रफ्तार से चला। इसके बाद भी अभी ओडीएफ घोषित होना रह गया है। नगर पालिका में करीब दस से अधिक वार्ड ओडीएफ अभियान के लिए चिन्हिंत किए गए थे, लेकिन अधिकांश वार्ड तो ओडीएफ घोषित नहीं हो सके, कुछ हुए भी तो वहां सिर्फ खाना पूर्ति की गई। नगर पालिका केंद्र सरकार के इस अभियान को सालभर में रफ्तार नहीं दे सकी है। मगर देहात क्षेत्र में पंचायती राज अधिकारी 2.93 लाख 134 शौचालय बन चुके हैं वहीं 73.791 लाख शौचालय बनाने का और लक्ष्य मिला है। डीपीआरओ शशीकांत पांडेय के अनुसार जिला नववर्ष में ओडीएफ घोषित हो जाएगा।सालभर कुर्सी के लिए रहा सीडीओ का इंतजार सालभर जिले व अधिकारियों-कर्मचारियों को ऐसा स्थाई सीडीओ नहीं मिला, जो स्थाई रूप से रुकता और विकास कार्यों को रफ्तार देता। सीडीओ शेषमणि पांडेय का तबादला होने के बाद काफी दिन सीडीओ की कुर्सी खाली हुई। आईएएस संदीप कुमार को भेजा। आने के बाद से स्वास्थ्य खराब हो गया और फिर वह भी तबादला लेकर चले गए। इसके बाद सीडीओ डीके तिवारी को चार्ज मिला वह भी छुट्टी पर चले गए और बाद में प्रमोश की होड़ में जिला से तबादला करा उत्तराखंड चले गए। इसके बाद बीते दिनों सीडीओ रमेश चंद्र मिले वह भी चार्ज लेने के बाद छुट्टी पर चले गए।
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