इंसान को ईमान बचाने की जरूरत : राशिद
सरायमीर के मदरसा अरबिया बैतूल में दो दिवसीय दीनी जलसे का आयोजन किया गया। मुफ्ती राशिद आजमी ने ईमान की अहमियत पर जोर दिया। अबु तालिब रहमानी ने गरीबों की अनदेखी और शादियों में खर्च पर चिंता व्यक्त की।...
सरायमीर, हिन्दुस्तान संवाद। स्थानीय कस्बे के मदरसा अरबिया बैतूल में चल रहे दो दिवसीय दीनी जलसे के दूसरे दिन गुरुवार की रात को दारूल देवबंद के मुफ्ती राशिद आजमी ने कहा कि हमारे पास कुछ रहे न रहे ईमान रहना चाहिए। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य अबु तालिब रहमानी ने कहा कि गरीबों को भीख न देने वाले मालदार शादियों में करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं। आज भूखे लोगों को नाम पूछकर भोजन दिया जा रहा है। तड़पते मरीज से कमीशन खाया जा रहा है। कमीशन खाने वाला सच्चा मुसलमान नहीं है। झांसी में मुस्लिम और हिंदू बच्चों की जान बचाने वाला एक इंसान था, वो भी मुसलमान था। देश मे बनाए गए कानून का पालन करें, यही इस्लाम कहता है। अपने बच्चों को यातायात के नियम बताएं। औलाद की पहचान से पिता का भी नाम रोशन होता है। कुशीनगर से आए मौलाना शम्सुल हुदा ने कहा कि दीनी शिक्षा में अगर मिलावट होगी तो अधूरे उलेमा पैदा होंगे। मदरसों ने दीनी शिक्षा के साथ उर्दू भाषा को जिंदा रखा है। मौलाना सलीमुलहक हरदोई ने कहा कि ईश्वर की चर्चा से नूर पैदा होता है, सुन्नतों पर अमल करने से सुकून मिलता है। मौलाना अमीर हमजा नेपाली ने कहा कि नबी का वास्ता छोड़कर कोई मुसलमान नहीं हो सकता। ईमान के लिए नबी का कलमा पढ़ना जरूरी है। कासगंज से आए मौलाना इनाम ने कहा कि शादियों में गैरों की रस्म तेजी से फैल रही है। दहेज लेने वाले लुटेरे हैं। कार्यक्रम को मौलाना शफीक अहमद बिजनौरी और मौलाना अब्दुल हई ने भी संबोधित किया। संचालन मुफ्ती शाकिर नेसार मदनी ने किया। अंत मे मुफ्ती अहमदुल्लाह ने देश में अमनो-अमान व बीमारों की शिफा के लिए दुआएं कीं।
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