चार वर्ष बाद भी कब्रिस्तान की भूमि की पैमाइश नहीं
सठियांव चौराहे के पास कब्रिस्तान की भूमि को लेकर विवाद को सुलझाने में राजस्व विभाग चार वर्ष बाद भी सफल नहीं हो सका। प्रशासन ने 0.0161 हेक्टेयर बंजर भूमि दी थी, लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण...
सठियांव, हिन्दुस्तान संवाद। सठियांव चौराहे के पास कब्रिस्तान की भूमि को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए राजस्व विभाग चार वर्ष बाद भी पैमाइश नहीं करा सका। जिससे लोगों में आक्रोश है। सठियांव चौराहे के पास शव दफन करने के लिए प्रशासन की ओर से आराजी संख्या 481 रकबा में 0.0161 हेक्टेयर बंजर भूमि दी गई थी। इस जमीन को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ने अधिग्रहण कर सड़क निर्माण करा लिया। तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश के क्रम में गाटा संख्या 292 मि. रकबा 0.088 हेक्टेयर नवीन परती जमीन को प्रस्तावित किया गया। इस जमीन के बगल मे एक पक्ष के लोग शव दफन करते थे। धीरे-धीरे आबादी बढ़ती गई और लोग रिहायशी मकान बनाकर रहने लगे। अब शव दफन करने के लिए कब्र खोदी जाती है तो, दूसरा पक्ष आकर रोक देता है। विवाद बढ़ने पर मामला पुलिस चौकी और उसके बाद उच्च अधिकारियों के पास जाता है। विवाद देख अधिकारी किसी तरह से शव तो दफन करा देते हैं, लेकिन भूमि की पैमाइश कराने के नाम पर दो-तीन दिन का आश्वासन देकर टरका दे रहे हैं। अधिकारियों की शिथिलता से चार वर्ष बाद भी विवादित भूमि की पैमाइश नहीं हो सकी। प्रधान अमित राय ने आरोप लगाया कि राजस्व विभाग की लापरवाही से विवादित भूमि की पैमाइश नहीं हो पा रही है।
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