क्वालिटी बार केस में आजम खां की कस्टडी रिमांड मंजूर, कोर्ट ने जारी किया वारंट, 11 फरवरी को अगली सुनवाई
रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार प्रकरण में आरोपी बनाए गए सपा नेता आजम खां के अधिवक्ता की ओर से दाखिल आपत्ति को अदालत ने खारिज करते हुए आजम की कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली। साथ ही उनका वारंट जारी किया गया है, जो सीतापुर जेल में तामील कराया जाएगा।
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रामपुर के चर्चित क्वालिटी बार प्रकरण में आरोपी बनाए गए सपा नेता आजम खां के अधिवक्ता की ओर से दाखिल आपत्ति को अदालत ने खारिज करते हुए आजम की कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली। साथ ही उनका वारंट जारी किया गया है, जो सीतापुर जेल में तामील कराया जाएगा। आजम खां बुधवार को भी कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए।
सिविल लाइंस कोतवाली में 21 नवंबर 2019 को राजस्व निरीक्षक अनंग राज सिंह ने तहरीर दी थी। जिसमें आरोप लगाया कि सपा नेता आजम खां ने मंत्री रहते हुए जिला सहकारी संघ की जमीन पर बने क्वालिटी बार की 302 वर्ग मीटर जमीन को पत्नी तजीन फात्मा के नाम पर किराए पर दे दी। उस समय डीसीडीएफ के चेयरमैन जफर अली जाफरी की अध्यक्षता में बैठक होने की बात कही गई थी। पुलिस ने इस मामले में तत्कालीन डीसीडीएफ के चेयरमैन सैयद जफर अली जाफरी, सपा नेता आजम खां की पत्नी तजीन फात्मा, बेटे अब्दुल्ला आजम खां को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।
सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से इस मुकदमे की अग्रिम विवेचना करने के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि विवेचक इंस्पेक्टर गजेंद्र त्यागी ने अग्रिम विवेचना में सपा नेता आजम खां को धोखाधड़ी, साक्ष्य नष्ट करने और अपराधिक षडयंत्र का दोषी मानते हुए कस्टडी वारंट की मांग की थी। जिस पर कोर्ट में आजम खां वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट में पेश हुए। जहां रिमांड पर बहस हुई। आजम खां के अधिवक्ता ने आपत्ति लगाई, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया और कस्टडी रिमांड मंजूर करते हुए वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं। आजम को 11 फरवरी को तलब किया गया है।
यतीमखाना प्रकरण में अब सात फरवरी को होगी सुनवाई
पूर्व मंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खां से जुड़े केस में बुधवार को बिजनौर में तैनात दरोगा सुरजीत सिंह से जिरह हुई, जो पूरी हो गई। अब इस केस में सात फरवरी को सुनवाई होगी। सपा सरकार में शहर कोतवाली क्षेत्र के यतीमखाना में बस्ती को खाली कराया गया था। आरोप है कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के इशारे पर तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन, कुछ पुलिस वाले और आजम के समर्थकों ने घरों में तोड़फोड़ की। विरोध पर मारपीट कर लूटपाट करते हुए घरों को तुड़वा दिया।
शहर के चर्चित यतीमखाना प्रकरण की सुनवायी एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चल रही है। जहां, बुधवार को बिजनौर में तैनात दरोगा सुरजीत सिंह से जिरह थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया कि दरोगा सुरजीत सिंह कोर्ट में पेश हुए। उनसे जिरह हुई, जो पूरी हो गई है। अब इस केस में अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी।