कोटा चयन के दौरान बीमार युवक की मौत
कोटा चयन के दौरान बीमार युवक दुखीराम की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस पर धक्का देने का आरोप लगाया है। युवक ने दलित वर्ग के लिए कोटे की मांग की थी। सांसद ने इसे दलित उत्पीड़न बताया। पुलिस...
सोहावल संवाददाता। कोटा चयन के दौरान बीमार हुए युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद हड़कंप मच गया। युवक के परिजनों ने रौनाही पुलिस पर धक्का देने का आरोप लगाया है। इससे पहले विकास खंड सोहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत हाजीपुर बरसेंडी में बुधवार को सरकारी राशन की दुकान के कोटेदार के चयन को लेकर खुली बैठक का आयोजन हुआ था। कोटा चयन प्रकिया के दौरान सैकड़ो लोगों की भीड़ जमा थी। इसी दौरान गांव का दुखीराम अपनी पत्नी व बच्चों के साथ दावेदारी की इच्छा से गया था। आरोप है कि इस दौरान उसने विरोध जताते हुए कहा, पहले यह कोटा दलित वर्ग के नाम रहा। अब दलित समाज को आवेदन से वंचित क्यों किया जा रहा है। इस पर मौजूद पुलिस बल के साथ कुछ लोगों ने उसको धक्का मार कर चयन स्थल से बाहर कर दिया। धक्का लगने दुखीराम गश खाकर गिर पड़ा। जिसको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मौत हो गई। युवक की मौत से गरमाई इस सियासत को लेकर गुरुवार को पोस्टमार्टम हाउस पर सांसद अवधेश प्रसाद ने कड़ा रुख दिखाया और दलित उत्पीड़न की बात कही। तो वहीं कोटा चयन कराने गए ब्लाक के एडीओ आईएसबी मनोज तिवारी ने बताया कि साल 2020 के बाद बदले आरक्षण के चलते कोटा सामान्य वर्ग के लिए था। कोटा के लिए कुल सात आवेदन आए है। जिसमें पांच आवेदन महिला समूह से है। जिनकी पात्रता थी। युवक हार्ट का मरीज था। उसे अटैक मौके पर ही आया था। कोटा चयन के दौरान कोई विवाद नहीं हुआ था। आवेदन में जो पात्र होंगे। उन्हीं को कोटेदार बनाया जाएगा। सत्ती चौरा चौकी प्रभारी एस एन सिंह ने बताया कि प्रकरण में अब तक किसी भी प्रकार की शिकायत नही मिली है।
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