डीआईओएस के खाते में है जमा डीए अंतर की धनराशि
Ayodhya News - अयोध्या में शिक्षकों और कर्मचारियों ने एनपीएस से आच्छादित डीए अंतर की धनराशि के डीआईओएस के खाते में जमा होने का विरोध किया है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें प्रति शिक्षक डेढ़ लाख रुपए की क्षति हुई है।...
अयोध्या, संवाददाता। जिले के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत एनपीएस से आच्छादित शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों साल में दो बार मिलने वाले डीए अंतर की धनराशि डीआईओएस के खाते में जमा की गई है जो करीब प्रति शिक्षक डेढ़ लाख रुपए अनुमानित है। ऐसे में करीब साढे़ चार करोड़ रुपए प्रॉन खाते के बजाए जिला विद्याल्य निरीक्षक के मानक मद में जमा किए जाने को लेकर शिक्षक संगठन ने विरोध किया है। डीए अंतर और उसके ब्याज की धनराशि शिक्षकों व कर्मियों के प्रॉन खाते में ट्रांसफर किए जाने की मांग की गई है। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री उदय नारायन तिवारी का कहना है कि जनपद में 2016 से एनपीएस की कटौती शुरू हुई है। इसके बाद प्रतिवर्ष दो बार डीए की बढ़ोतरी शासन द्वारा की जाती है। उसका जो चार-पांच माह का अंतर है डीए की वह धनराशि जो एनपीएस में शिक्षकों के प्रॉन खातों में जमा होनी थी उसे डीआईओएस ने अपने मानक मद में ट्रेजरी में जमा कर लिया। इस तरह से आठ वर्ष में 16 बार डीए अंतर की धनराशि जो लगभग एक लाख रुपए प्रति शिक्षक की क्षति हुई है। जब तक एनएसडीएल में धनराशि नहीं जमा होगी तब तक ब्याज नहीं मिलेगा। इसी मासिक कर्मचारी अंशदान कटौती करीब 12 महीने बाद प्रॉन में जमा की जाती है जबकि नियमानुसार जीपीएफ दर से (7.1 प्रतिशत) से ब्याज जोड़कर शिक्षकों के प्रॉन खाते में जमा करना चाहिए था। इस तरह से प्रति शिक्षक डेढ़ से दो लाख रुपए की क्षति हुई है। जिले में एनपीएस से करीब 900 शिक्षक और लगभग 400 शिक्षणेत्तर कर्मचारी जुडे़ हैं।
संगठन की मांग है कि शिक्षकों व कर्मचारियों के डीए अवशेष अंतर और विलम्ब से जमा की गईमासिक कटौती को ब्याज सहित उनके प्रॉन खाते में जमा कराया जाए। जीपीएफ की तरह ही एनपीएस की भी लेखा पर्ची दिया जाए। इस बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ.पवन कुमार हमारे खाते में क्यों जमा जो पैसा तनख्वाह के रूप में आता है वह पहले डीआईओएस के खाते में जाता फिर उसे शिक्षकों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है। किसी भी तरह का कोई धनराशि खाते से नहीं निकाली गई है। एनपीएस की धनराशि मार्च तक उनके खाते में चली गई है। जो पैसा हमारे पास आया वह प्रान खातें में जुलाई 2024 तक का चला गया है। शिक्षक नेता की शिकायत की जांच के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।
सेवानिवृत्त शिक्षक को भुगतान के लिए दौड़ा रहा विभाग
अयोध्या। माध्यमिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों की उदासीनता और कर्मचारियों की लापरवाही से एक सेवानिवृत्त शिक्षक को अपने एरियर और जीपीएफ भुगतान के लिए विभाग में दौड़ाया जा रहा है। बल्देव विद्यापीठ इंटर कालेज अयोध्या से सेवानिवृत्त शिक्षक राम सूरत तिवारी के एरियर तथा बकाया जीपीएफ का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडलीय मंत्री उदय नरायन तिवारी ने तिवारी का कहना है कि डीआईओएस और डीडीआर कार्यालय में सेवानिवृत्त शिक्षकों के उत्पीड़न का यह जीता जागता उदाहरण है। सेवानिवृत्त शिक्षक श्री तिवारी का एरियर का प्रकरण 2019 का है। श्री तिवारी के चयन प्रोन्नत वेतन के अवशेष की पत्रावली धूल चाट रही है। इसी तरह 2022 में रिटायर हुए श्री तिवारी के जीपीएफ का भी पूर्ण सुगतान नहीं किया गया। इस सम्बन्ध में शिक्षक नेता ने शिकायती पत्र देकर जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
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