महाराजा बिजली पासी का बलिदान समाज के लिए प्रेरणा स्रोत
Ayodhya News - मिल्कीपुर में महाराजा बिजली पासी की जयंती समारोह मनाया गया। इस अवसर पर जरूरतमंदों को कम्बल वितरित किए गए। मुख्य अतिथि दिनेश प्रताप सिंह रावत ने महाराजा के बलिदान और संघर्षों पर प्रकाश डाला। समारोह में...
मिल्कीपुर ,संवाददाता। अवध क्षेत्र के सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक महाराजा बिजली पासी का जयंती समारोह तहसील क्षेत्र मिल्कीपुर स्थित श्रवण आश्रम पर एक निजी संस्थान द्वारा मनाया गया। इस मौके पर जरूतमंदों को कम्बल वितरित किया गया। कार्यक्रम में शामिल दर्जनों वक्ताओं ने वीर शिरोमणि महाराजा बिजली पासी को याद करते हुए उनके बलिदान को समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। समारोह के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त एडीओ पंचायत दिनेश प्रताप सिंह रावत ने महाराजा बिजली पासी के संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सन् 1184 के गांजर के युद्ध में आल्हा- ऊदल से युद्ध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। इतिहासकारों के अनुसार इस युद्ध से पहले कन्नौज के राजा जयचंद के साथ हुए युद्ध में इन्होंने जयचंद को बुरी तरह हराया था। राजा जयचंद ने बदला लेने के लिए महोबा के शूरवीर आल्हा ऊदल को मिलाकर महाराजा बिजली पासी की कुटिलता से हत्या कर दी थी।लेकिन मरने से पहले महाराजा ने अपने जीवन काल में अवध क्षेत्र में 12 किले के निर्माण करवाए थे जिनके अवशेष आज भी लखनऊ एवं उसके आस- पास के क्षेत्रों में मौजूद हैं। समारोह में मौजूद अन्य वक्ताओं ने समाज से जुड़े लोगों को ऊदा देवी पासी ,लखन पासी ,सातन पासी ,बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर चलने की बात कही। समारोह की अध्य्क्षता शिवदयाल पासी व संचालन त्रिलोकी नाथ पासी ने किया। समारोह के दौरान अँधा अंधी आश्रम के महंत कृष्णाचार्य,फूलचंद रावत ,रेनू प्रजापति ,सहोदरा चौहान, निर्मला देवी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।
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