गुरुकुल के मूल सिद्धांत ज्ञान, सेवा व अनुशासन से नवाचारितः प्रो. दिलीप सराह
Ayodhya News - देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रो. दिलीप सराह ने भारतीय ज्ञान प्रणाली पर कार्यशाला में कहा कि नैतिक मूल्य और गुरुकुल प्रणाली को नवाचारित किया गया है। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा को महत्वपूर्ण बताया।...

अयोध्या, संवाददाता। देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रो. दिलीप सराह ने कहा कि नैतिक मूल्य, आश्रम पद्धति, वर्ण व्यवस्था तथा गुरुकुल में दिए जाने वाले मूल सिद्धांतों ज्ञान, सेवा, अनुशासन से नवाचारित किया गया है। यह बातें प्रो. दिलीप ने अवध विवि के व्यवसाय प्रबंधन एवं उद्यमिता विभाग में पीएम उषा के तहत रिलवेन्स ऑफ इंडियन नॉलेज सिस्टम इन इंडिया विषयक कार्यशाला में तीसरे दिन कही।उन्होंने कहा कि ज्ञान गंगा की त्रिवेणी में दिव्य- भव्य व नव्य भारतीय पुरातन ज्ञान परंपरा व सिद्धांतों को संग्रहित करने का अवसर मिला। लखनऊ के नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्रो. मंजुला उपाध्याय ने कहा कि भारतीय ज्ञान विज्ञान परंपरा जो कि अब पश्चात संस्कृति के लोगों द्वारा अपनाई जा रही है। वह हमारे मूल आचरण का पूर्व में ही मूल्यवान हिस्सा रह चुकी है। उन्होंने भगवत गीता में वर्णित सिद्धांतवाद आदर्शवाद के महत्व को बताया। प्रो. शैलेंद्र कुमार वर्मा ने छात्र-छात्राओं को भारतीय ज्ञान परंपरा की तुलना 21वीं शताब्दी की ज्ञान परंपरा से कर पुरातन ज्ञान संस्कृति से तुलना कर आधुनिक अध्ययन ज्ञान परंपरा से अवगत कराया। विशिष्ट अतिथि मनीष मेहरोत्रा, विनय जलन, प्रो. वीके सिंह, प्रो. हिमांशु शेखर सिंह ने विचार रखे।
-----------
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।