कर्म से ही मनुष्य की समाज में अलग से पहचान बनती है : धरणीधर
बीकापुर में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन आचार्य धरणीधर ने कर्म के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अच्छे कर्म करने से मनुष्य का उद्धार होता है और समाज में एक पहचान बनती है।...
बीकापुर। तहसील क्षेत्र के समदा मे आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन बुधवार की शाम कथा व्यास आचार्य धरणीधर ने जीवन में कर्म के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कर्म करने से ही मनुष्य का उद्धार होता है। जीवन में लोगों को अच्छे कर्म करने चाहिए। अच्छी संगत में रहना चाहिए। कर्म करने से ही मनुष्य की समाज में एक अलग से पहचान बनती है। कर्म ही प्रधान है, जो व्यक्ति जैसे कर्म अपने जीवन में करता है, उसी का फल उसे प्राप्त होता है। कथा वाचक ने कहा कि भगवान मथुरा को छोड कर समुद्र के बीचों बीच विश्वकर्मा से द्वारका नगरी का निर्माण करवाकर अपने सभी परिजनों के साथ वहां निवास करते हैं। इस अवसर पर मुख्य यजमान शिवराम सिंह, शिवप्रसाद सिंह, विनोद सिंह,कौशल किशोर तिवारी, शोभ नाथ यादव, सूरज पाठक, राम यज्ञ उपाध्याय, दिग्विजय पाण्डेय, राजेंद्र सिंह, परमानन्द सिंह, राजन तिवारी, धनंजय सिंह ग्राम प्रधान, राम तेज सिंह, पंचम शुक्ल, रमेश तिवारी, कालिका प्रसाद मिश्र सहित श्रोता मौजूद रहे।
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