श्रद्धा भाव: भगवान शालिग्राम व देवी तुलसी का विधि पूर्वक हुआ परिणय संस्कार
अयोध्या में देव उठनी एकादशी के पर्व पर भगवान शालिग्राम और देवी तुलसी का धूमधाम से विवाहोत्सव मनाया गया। रामकोट के लवकुश मंदिर में बारात बैंड-बाजा के साथ निकाली गई, जहां संत-श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा...
अयोध्या। देव उठनी एकादशी के पर्व पर मंगलवार को भगवान शालिग्राम व देवी तुलसी का विवाहोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर रामकोट स्थित लवकुश मंदिर एवं रामलला देवस्थानम से भगवान की बारात बैंड-बाजा व रोड लाइट के साथ देर शाम निकाली गयी। इस दौरान यात्रा के मार्ग में पुष्प वर्षा कर संत-श्रद्धालुओं ने भगवान का अभिनंदन किया। वहीं बारात के गंतव्य पर लौटने के बाद लौकिक व वैदिक रीति परिणय संस्कार कराया गया। लवकुश मंदिर में महंत राम केवल दास के निर्देशन में आयोजित उत्सव के दौरान बारात के पहुंचने पर द्वार पूजा के समय दूल्हा स्वरूप भगवान शालिग्राम का पूजन किया गया। इसी कड़ी में पुनः तिलकोत्सव का आयोजन हुआ जिसमें दूल्हा रुपी भगवान को नवीन वस्त्र, स्वर्णाभूषण अन्य उपहारों के अलावा मेवा-मिष्ठान एवं मौसमी फल भेंट किया। तत्पश्चात देर रात्रि तक परिणय संस्कार के अन्तर्गत सभी लौकिक व्यवहार की रस्म पूरी की गयी। पुनः रात्रि में ही कलेवा का भी आयोजन हुआ। इस कलेवा में श्रद्धालुओं ने वर-वधू को यथाशक्ति अपनी भेंट समर्पित की। इसके पहले सोलह कन्याओं को स्वरुप में देवी तुलसी के पौधे का भव्यता से श्रृंगार कर निर्धारित वर्गाकार चौकी के चारो ओर रखा गया । इस मौके पर यजमान के रूप में गोरखपुर के श्रद्धालु विजय श्रीवास्तव एवं गीता श्रीवास्तव सहित अन्य ने पूजन किया।
बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य के सानिध्य में किया गया वैदिक पूजन:
उधर दशरथ राजमहल बड़ा स्थान में भी बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेन्द्र प्रसादाचार्य के सानिध्य में भगवान शालिग्राम व देवी तुलसी का वैदिक रीति से परिणय संस्कार पूर्ण किया गया। इस विवाहोत्सव के लिए मंदिर परिसर के मध्य में पंडाल सजाया गया और रजत सिंहासन पर भगवान शालिग्राम को विराजित कर उनके समक्ष देवी तुलसी के पौधे का विधिवत श्रृंगार कर सुसज्जित किया गया। इसी तरह से जानकी महल में भी विवाह मंडप में पूजन कर विवाह की रीति का निर्वाह किया गया। वहीं रामलला देवस्थानम से पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य के निर्देशन में पूरी भव्यता के साथ बारात निकाली गयी और फिर वैवाहिक कार्यक्रम का निर्वाह किया गया। इसी तरह विश्व शांति आश्रम तुलसी बारी में भी आचार्य लक्ष्मण दास के निर्देशन में विवाहोत्सव मनाया गया। कालेराम मंदिर के व्यवस्थापक राघवेन्द्र देशपांडे ने बताया कि यहां आचार्य परम्परा में विवाहोत्सव का आयोजन द्वादशी बुधवार को होगा।
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