आध्यात्मिक आस्था और जीवन दोनों में अनुशासन बहुत ही आवश्यक : पंडित प्रेमधर
बीकापुर के करहिया बसंतपुर गांव में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन, कथा व्यास पंडित प्रेमधर ने श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। उन्होंने भक्ति में अनुशासन...
बीकापुर, संवाददाता। विकास खड क्षेत्र के करहिया बसंतपुर गांव में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास पंडित प्रेमधर ने श्रीमद् भागवत कथा के दौरान श्री कृष्ण जन्म की कथा का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कथा व्यास ने बताया कि काम, क्रोध, मद, लोभ, ईष्र्या, दोष जैसे खड विकारों का परित्याग करके लक्ष्य की प्राप्ति करने में सुगमता हो जाती है। आध्यात्मिक आस्था और जीवन दोनों में अनुशासन बहुत ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मन की चंचलता भक्ति मार्ग में सबसे बड़ी बाधक है। छोटे-छोटे सच से बचने के लिए हम झूठ बोलते हैं। जब बड़ा सच सामने आएगा तो फिर हम उससे कैसे बचेगें। श्रद्धालु श्रोताओं के बीच में भगवान कृष्ण जन्मोत्सव की आकर्षक झांकी निकाली गई। कथा में कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनकर दर्शक भाव विभोर हो गए और झूमने लगे। कृष्ण जन्म होने के बाद महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाए गए। आरती और प्रसाद वितरण के बाद चौथे दिन की कथा को विश्राम दिया गया। कथा के दौरान मुख्य यजमान पारस नाथ मिश्रा, सुशीला देवी, राजनाथ मिश्रा, अमरनाथ, रविंद्र कुमार, राघवेंद्र मिश्रा सहित अन्य श्रोता मौजूद रहे।
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