वेतन खाते से 20 बार में निकल गए 5.82 लाख
Ayodhya News - साइबर ठगी का एक अजीब मामला सामने आया है जिसमें एक शिक्षिका के वेतन खाते से 20 बार में 5 लाख 82 हजार रुपये से ज्यादा की रकम बिना किसी ओटीपी के निकाली गई। शिक्षिका ने बैंक विवरण चेक करने पर धोखाधड़ी का...

अयोध्या संवाददाता। साइबर ठगी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक शिक्षिका के वेतन खाते से 20 बार में पांच लाख 82 हजार रूपये से ज्यादा की रकम निकल गई। न तो कभी रकम निकलने का कोई मैसेज आया और न ही पीड़िता से कोई ओटीपी ही मांगा गया था। इसके कारण काफी दिनों तक पीड़िता को मामले की जानकारी ही नहीं हुई। शिक्षिका द्वारा बैंक खाते का विवरण खंगालने पर मामले की जानकारी हुई। इसके बाद पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। कैंट थाना क्षेत्र के सहादतगंज क्षेत्र स्थित शिवनगर कालोनी निवासी अर्चना सिंह पत्नी राम अनुराग इसी थाना क्षेत्र स्थित एक निजी विद्यालय में पढ़ाती हैं। उनका शहर के एक निजी बैंक में वेतन खाता है। शिक्षिका का कहना है कि उन्होंने पांच फरवरी को अपने वेतन बैंक खाते का विवरण देखा तो पता चला कि 19 दिसंबर से 26 दिसंबर 24 के बीच 20 बार में विभिन्न यूपीआईडी के माध्यम से बिना उनकी स्वीकृत एवं सहमति के कुल पांच लाख 82 हजार 859 रूपये अलग-अलग यूपीआई आईडी में धोखाधड़ी से ट्रॉंसफर कर निकाल लिया गया है। हर छोटी-बड़ी निकासी और जमा पर उनके मोबाइल पर मैसेज आता रहता था लेकिन एक सप्ताह के अंदर धोखाधड़ी कर खाते से निकाली गई रकम के किसी मामले में कोई मैसेज भी नहीं आया।
लिमिट के भीतर हुआ रकम का ट्रांसफर
-शिक्षिका के वेतन खाते के विवरण के मुताबिक ठगी गई रकम का 20 बार में ट्रांसफर हुआ। ज्यादातर बार में साइबर ठग ने पीडिता के बैंक खाते से 50 हजार रूपये से कम की ही रकम ट्रांसफर की है। हालांकि एक बार दो लाख 37 हजार और एक बार 65 हजार 600 रूपये की रकम निकाली गई। इसको लेकर आशंका है कि ठगी गई रकम का किसी के बिल भुगतान अथवा ऑनलाइन खरीददारी में इस्तेमाल किया गया। वहीं बड़ी रकम बिटक्वाइन की खरीद के लिए इस्तेमाल हो सकती है। साइबर क्राइम थाना प्रभारी मो. अरशद खान का कहना है कि शिकायत दर्ज कर मांमले की विवेचना कराई जा रही है। संबंधित यूपीआई आईडी और बैंक खाते का विविरण हासिल कर ठगी गई रकम को होल्ड कराने की प्रक्रिया की जा रही है।
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