ग्रामीणों में आभा कार्ड को लेकर छाई है बेचैनी
सोहावल क्षेत्र में आयुष्मान कार्ड के सहायक आभा कार्ड के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आशा बहुओं को घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन का जिम्मा सौंपा था। तीन महीने बाद भी कार्ड किसी को नहीं मिले हैं, जिससे ग्रामीणों में...
सोहावल संवाददाता। आयुष्मान कार्ड की सहायक आई डी के रूप में बनने वाले आभा कार्ड को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने करीब तीन माह से घर - घर आशा बहुओं को भेजकर आभा कार्ड बनवाने का जिम्मा सौंप रखा है। कार्ड को लेकर सोहावल क्षेत्र के गांवों में आशा बहुओं ने लोगों का रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड लिया और विभाग में जमा करने की बात कही। लेकिन आज तक आभा कार्ड किसी के हाथ नहीं पहुंचा। अलबत्ता आभा कार्ड के लिए बेचैन ग्रामीण आशा बहुओं का दरवाजा खटखटा रहे है। आम आदमी का स्वास्थ विभाग में स्थाई रूप से रजिस्ट्रेशन कर निःशुल्क आभा कार्ड जिसे आयुष्मान का आईडी बताया जाता है। इस कार्ड को बनाने की योजना गत जून में शुरू हुई। इसके लिए सीएचसी सोहावल में तैनात 210 आशा बहुओं को जिम्मा सौंपा गया। जिन्होंने घर- घर जाकर परिवार के हर सदस्य का आधार जमा कराया और आभा कार्ड बनाए जाने की बात कही। हालांकि चिकित्सकों की माने तो इस आभा कार्ड से इलाज में कोई छूट नहीं मिलने वाली है। स्वास्थ्य विभाग में हर व्यक्ति रजिस्टर्ड अवश्य रहेगा। कहीं भी ईलाज के लिए भर्ती आदि लेने के लिए अस्पताल में इस कार्ड से आसानी होगी। इसके लिए प्रति आशा सौ परिवार का लक्ष्य दिया गया। आंकड़ों के अनुसार लगभग एक लाख से ज्यादा लोगों का रजिस्ट्रेशन आफ लाइन और आन लाइन दोनो तरह से किया गया। लेकिन आज तक इस कार्ड को लेकर असमंजस की हालत बनी हुई है। अब तक किसी भी परिवार को न कार्ड मिला न विभाग से कोई जानकारी मिली। जिसे लेकर ग्रामीणों में हलचल मची हुई है। सीएचसी प्रभारी सोहावल प्रेम चंद्र भारती ने बताया कि योजना चल रही है। आशा बहुओं द्वारा घर घर जाकर आधार नंबर लिए गए है। पूरा प्रारूप जिला मुख्यालय से चलाया जा रहा है। कुछ का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। शेष प्रक्रिया जारी है। रजिस्ट्रेशन पूरा होने पर विभाग से जानकारी दी जाएगी।
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