Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़अयोध्याAyodhya s 14-Kosi Parikrama Begins with Devotional Fervor

कार्तिक मेला: निर्धारित मुहूर्त में जयघोष के साथ आस्था के पथ पर उठे लाखों पग

अयोध्या में 'जय श्रीराम' के उद्घोष के साथ रामनगरी की बहुप्रतीक्षित 14 कोसी परिक्रमा शुरू हो गई

Newswrap हिन्दुस्तान, अयोध्याSat, 9 Nov 2024 10:58 PM
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अयोध्या। 'जय श्रीराम' के उद्घोष के साथ रामनगरी की बहुप्रतीक्षित 14 कोसी परिक्रमा का निर्धारित मुहूर्त में शुभारम्भ हो गया। अयोध्या धाम के चतुर्दिक विभिन्न स्थानों से शुरू यह परिक्रमा रविवार को पूरे दिन चलेगी। इस परिक्रमा में पुण्यार्जन के लिए देश-देशांतर के लाखों श्रद्धालु यहां पहुंच गए और श्रद्धालुओं का आगमन लगातार जारी है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं में बाल-वृद्ध, नर-नारी व विभिन्न आयु वर्ग के श्रद्धालु शामिल हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आस्था के पथ पर उमड़े लाखों पग के बीच जयघोष से स्वर सम्पूर्ण वातावरण राम मय हो गया है।

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद हो रही पहले परिक्रमा मेला में अपेक्षाकृत भीड़ उमड़ी है। हालांकि चैत्र राम नवमी में भी इसी तरह के अनुमान के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिशें शुरू हो गयी जिसके चलते भीड़ ही नदारद हो गयी। इससे बड़ा गलत संदेश गया और संत समाज के साथ व्यापारियों में भी खासा आक्रोश देखने को मिला। इसके कारण इस बार अपेक्षित भीड़ नियंत्रण को लेकर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगाई । पाबंदी न होने से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के साथ -साथ दूसरे प्रांतों के भी लाखों श्रद्धालु यहां पहुंच चुके हैं और इन श्रद्धालुओं का आगमन देर रात तक जारी है। हालांकि देर रात आने वाली भीड़ मुख्यतः अयोध्या के आसपास के जनपदों की है।

यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां सरयू के पुण्य सलिल में डुबकी लगाई:

उधर परिक्रमा मेला में हिस्सा लेने के लिए आए लाखों श्रद्धालुओं ने मां सरयू के पुण्य सलिल में डुबकी लगाई और फिर श्रीराम जन्मभूमि व हनुमानगढ़ी समेत कनक भवन व नागेश्वर नाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। कार्तिक मास के साथ अक्षय नवमी तिथि के महत्व को देखते हुए श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु का पूजन कर तुलसी व आंवला के वृक्ष का भी पूजन किया। इसके साथ ही सायंकाल सरयू तट पर दीपदान भी किया। पुनः परिक्रमा के मुहूर्त की प्रतीक्षा करते रहे। हालांकि कि उत्साही श्रद्धालुओं ने बिना मुहूर्त के ही सायंकाल पांच बजे से ही परिक्रमा की शुरुआत कर दी और देखते- देखते परिक्रमा पथ श्रद्धालुओं से पूरी तरह पट गया। देर शाम परिक्रमा पथ की पूरी परिधि में हर तरफ नरमुंड ही नजर आ रहा था।

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