अगहन पंचमी: श्रीराम विवाह मंडप में सामूहिक विवाह की भी हो रही तैयारी
अगहन पंचमी के पर्व पर भगवान श्रीसीताराम के विवाहोत्सव की तैयारियां अयोध्या और जनकपुर में धूमधाम से चल रही हैं। जनकपुर में 6 दिसंबर को एक सौ आठ जोड़ियों का सामूहिक विवाह होगा। यह आयोजन समाज में आदर्श...
अयोध्या, संवाददाता। अगहन पंचमी के पर्व पर भगवान श्रीसीताराम विवाहोत्सव की तैयारियां हर्षोल्लास के साथ की जा रही है। यह तैयारी अयोध्या के मंदिरों में चल रही तो जनकपुर में तैयारियां बहुत व्यापक है। यहां छह दिसंबर को दशरथ नंदन कुमारों के विवाह के उपरांत यहां एक सौ आठ जोड़ियों का सामूहिक विवाह भी आयोजित किया जाएगा। विहिप के नेपाल के सदस्य मनोहर प्रसाद शाह का कहना है कि यह सामूहिक विवाह का छठवां साल है। उन्होंने कहा कि जिस विवाह मंडप में दशरथ नंदन कुमारों का विवाह हुआ। उसी मंडप में ही यह विवाह भी होता है जिससे दम्पत्तियों का जीवन सुखमय व मंगलमय हो। उन्होंने बताया कि जनकपुर में त्रेता काल की घटना की हर साल पुनरावृत्ति का मुख्य उद्देश्य समाज में आदर्श जीवन जीने के लिए दम्पत्तियों को प्रेरित करना है। तभी एक सभ्य समाज की रचना होगी। इसके साथ रामराज्य की स्थापना के लिए वातावरण भी तैयार होगा। इसके अलावा देश दुनिया प्राचीनतम सभ्यता व संस्कृति से परिचित होगी। उन्होंने बताया कि जनकपुर में भगवान के विवाह के लिए 12 बीघे में रंगभूमि का निर्माण किया गया है। इस रंगभूमि में एक तरफ वर पक्ष तो दूसरी तरफ से कन्या का प्रवेश होता है। उन्होंने बताया कि इस विवाहोत्सव में शामिल होने के लिए सभी जनकपुर वासी मंगल गीतों के साथ शामिल होते हैं। पूरे शहर में घर-घर उत्सव का आनंद झलकता है। वह इसलिए कि जनकनंदिनी भले ही जगत जननी है लेकिन जनकपुर वासी उनके बहन का सम्बन्ध ही रखना चाहते हैं। उनकी ही हमारी खुशी है और उसी से जगत का भी कल्याण निहित है।
कारसेवक पुरम में बारात के लिए रथों का निर्माण शुरू:
उधर कारसेवक पुरम में 26 नवम्बर को जनकपुर बारात ले जाने की तैयारियां की जा रही है। यहां रथों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा साधु-संतों के साथ श्रद्धालुओं का भी पंजीकरण किया जा रहा है। श्रीसीता राम विवाहोत्सव समिति के संयोजक व विहिप के केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज बताते हैं कि संत-महंत बारात में महर्षि वशिष्ठ एवं महर्षि विश्वामित्र की भूमिका में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आयोजित इस विवाहोत्सव को बड़े पैमाने पर आयोजित करने के साथ विविधता से परिपूर्ण भी होगा। बताया गया कि यहां से करीब डेढ़ सौ की संख्या में बाराती जाएंगे और रास्ते में इनकी संख्या पांच सौ होगी।
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