Hindi NewsUttar-pradesh NewsAyodhya NewsAyodhya Becomes Education Hub Students Strive for Competitive Exam Success Amid Challenges

बोले अयोध्या :बड़ी परीक्षाओं की तैयारी के साधन बढ़ें तो बाहर न जाना पड़े

Ayodhya News - अयोध्या में मेधावी छात्र अपने भविष्य को संवारने के लिए कोचिंग संस्थानों और डिजिटल लाइब्रेरी का सहारा ले रहे हैं। बेहतर शैक्षणिक संसाधनों की कमी के कारण ग्रामीण मेधावी अयोध्या में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।

Newswrap हिन्दुस्तान, अयोध्याSun, 4 May 2025 10:52 PM
share Share
Follow Us on
बोले अयोध्या :बड़ी परीक्षाओं की तैयारी के साधन बढ़ें तो बाहर न जाना पड़े

अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में मेधावी अपना भविष्य गढ़ने के लिए कोचिंग संस्थान और डिजिटल लाइब्रेरी को अस्त्र बना रहे हैं। अब अयोध्या पूर्वांचल में ‘एजूकेशन हब का रूप ले चुका है। पड़ोसी जिले के ग्रामीण परिवेश के मेधावी बच्चे अयोध्या की कोचिंग संस्थानों में प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए शिक्षारत हैं। ये मेधावी अपने घरबार से पलायन कर अयोध्या में किराए के मकान में रहे रहे हैं। ‘हिन्दुस्तान ने मेधावियों की नब्ज टटोली तो जन्मस्थली से पलायन करने के पीछे उनके गृह जनपद में बेहतर कोचिंग संस्थान का अभाव, शैक्षिक वातावरण सहित तमाम संसाधनों की कमी अखर रही थी। मेधावियों की मानें तो उनके जिले में कोई अच्छा संस्थान नहीं और न ही घरों पर पढ़ाई का माहौल हैं।

इसके अलावा बिजली, इंटरनेट जैसी तमाम बुनयादी सुविधाओं को अभाव है। इसलिए मेधावियों को अपनी पहुंच में रहकर प्रतियोगी परीक्षा के लिए शुमार दिल्ली, लखनऊ, इलाहाबाद जैसे बड़े शहरों में पलायन न करके अयोध्या को ही चुना है, हालांकि यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए जिले के कोचिंग संस्थान कारगर हैं, लेकिन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए दिल्ली की कोचिंग का सहारा लेना पड़ता है। कोचिंग संस्थान और डिजिटल लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले मेधावी किराए के एक छोटे से कमरे में रहकर खुद खाना पकाकर खाने को मजबूर हैं। अभिभावक और शिक्षकों की मानें तो जिले में बेहतर कोचिंग संस्थान है। आर्थिक दुश्वारियों से बिना जूझे प्रतियोगी परीक्षा में अच्छी संख्या में छात्र- छात्राएं सफलता हासिल कर रहे हैं, लेकिन यूपीएससी परीक्षा के लिए मुफीद नहीं हैं। लाइब्रेरी की मदद से मेधावी लिख रहे इबारत: आधुनिक युग में लाइब्रेरी में अध्ययन कर युवा पीढ़ी इबारत लिख रही हैं। एकांत स्थान के साथ ही सुविधाओं से लैस लाइब्रेरी भावी पीढ़ी को अपनी ओर आकर्षित कर रहीं है। भारी संख्या में विद्यार्थियों का रूझान लाइब्रेरी की ओर बढ़ा है और तमाम मेधावी अपना भविष्य संवार रहे हैं। मेधावी छात्रों के लिए लाइब्रेरी पहले से ही आकर्षण का केंद्र रही है। मौजूदा व्यक्त में जिले के हर गली-कूचें व ग्रामीण क्षेत्र में भारी संख्या में लाइब्रेरी में छात्र विभिन्न विषयों का अध्ययन करते मिलेंगे। बदलते वक्त में युवा पीढ़ियों का रूझान लगातार लाइब्रेरी के प्रति बढ़ रहा है। मौजूदा वक्त में सैकड़ों विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें छात्राएं और छात्र शामिल है। लाइब्रेरी में अध्ययन के लिए विद्यार्थियों को फीस देनी होती है। वहीं लाइब्रेरी प्रबंधन की ओर से भी विद्यार्थियों को एसी और कंपटीशन मैगजीन, वाई- फाई आदि की सुविधाएं प्रदान कराई जा रही हैं। लाइब्रेरी में सुबह आठ बजे से लेकर रात्रि आठ बजे तक रोजाना युवा एक हॉल में अलग- अलग बैठकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के मद्देनजर प्रतियोगिता दर्पण, क्रानिकल, करेंट अफेयर्स आदि किताबें भी पढ़ने के लिए उपलब्ध कराई जाती हैं। यहां पर युवा यूपी पुलिस, एसएसी, एयरफोर्स एवं सिविल सर्विसेज सहित अन्य विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। नाका स्थित डिजिटल लाइब्रेरी में अध्ययनरत मेधावी हिमांशु यादव, सत्यम वर्मा, शौर्य यादव, सौरभ यादव की मानें तो लाइब्रेरी प्रतियोगी परीक्षा के लिए बेहतर माध्यम हैं। लाइब्रेरी संचालक राजन वर्मा का कहना है कि डिजिटल लाइब्रेरी में सभी प्रकार के पढ़ाई संबंधी मैटेरियल उपलब्ध कराए जाते हैं और प्रतियोगी छात्रों को तमाम परीक्षा में सफलता भी मिलती है। बच्चों को पढ़ाई का माहौल मिलता है और सभी कंटेंट उपलब्ध कराए जाते हैं। संस्थानों में पार्किंग का अभाव:रामनगरी की कोचिंग संस्थान और डिजिटल लाइब्रेरी पार्किंग का अभाव है। जिसकी वजह से प्रतियोगी छात्र- छात्राओं के वाहन व साइकिलें सड़क के फुटपाथ पर ही खड़ी रहती है और हादसे की आशंका बनी रहती है। मालूम हो कि माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से जिलेभर में महज 15 कोचिंग संस्थान और एक डिजिटल लाइब्रेरी पंजीकृत है। जबकि नगर क्षेत्र में ही 50 से 60 कोचिंग संस्थान और कमतर ऐसे ही लाइब्रेरी अवैध रूप से संचालित हो रही है। इनमें से ज्यादातर कोचिंग और लाइब्रेरी संस्थान ने फायर विभाग से एनओसी भी नहीं ली है। परीक्षा के प्रति बढ़ी रूचि: नौकरी के लिए कोचिंग संस्थान और लाइब्रेरी में ज्ञानार्जन करने में लड़कियां- लड़कों से काफी आगे हैं। अब लड़कियां प्रतियोगी परीक्षा के लिए लड़कों से काफी आगे नजर आ रही हैं। नगर के बाईपास स्थित एक कोचिंग संस्थान में ‘हिन्दुस्तान ने सर्वें किया तो पता चला कि एक संस्थान में लगभग 1200 मेधावी पंजीकृत हैं। इनमें 650 लड़कियां और 500 लड़के शामिल हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य संस्थानों का भी यही हाल होगा। मेधावियों के सामने भोजन-पानी की समस्या: गैर जनपद या ग्रामीण परिवेश के अयोध्या रहकर पढ़ाई कर रहे मेधावियों के सामने अच्छा भोजन मिल पाना एक बड़ी समस्या है। अधिकतर बच्चे मेस संचालकों से टिफिन मंगाते हैं या लड़के बाहर होटल व ढाबों पर खाना खाते हैं जो उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। कई बार बच्चे बीमार भी होते हैं। इसलिए उनकी पढ़ाई में व्यवधान के साथ सेहत खराब होती है और दुश्वारियां झेलनी पड़ती हैं। तमाम बच्चे अधिक पैसा खर्च करके अपने कमरे में ही खाना बनाते हैं, लेकिन छोटे से कमेर में खाना बनाने से श्भी परेशानी होती है और समय की बर्बादी होती है जो पढ़ाई में आड़े आती है। जिसके लिए प्रशासन या सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है। लाइब्रेरी में वाईफाई की सुविधा: लाइब्रेरी में युवाओं को बेहद कम दामों में वाई- फाई की सुविधा उपलब्ध रहती हैं। कंप्यूटर के दौर में लोग डिजिटल की ओर बढ़ रहे हैं। अपना कैरियर बनाने का स्वपन देखने वाले युवा डिजिटल लाइब्रेरी का रुख कर रहे हैं। महंगे कमरे में रहने को मजबूर: दूर- दराज से जिला मुख्यालय पर प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग संस्थानों में तैयारी करने वाले मेधावियों को मंहगे कमरे लेकर रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। मकान मालिक या हास्टल संचालक मेधावियों की संख्या अधिक होने से अधसिक पैसा लेकर किराए पर कमरा उपलब्ध्या कराया जाता है। नाका व शहर के अन्य क्षेत्रों में तमाम कामर्शियल मकानों की भरमार हैं जहां मंहगे रेट पर किराए पर कमरा दिया जाता है। महंगे किराए पर कमरा लेने को मेधावी मजबूर हैं, क्योंकि मकान मालिकों पर कोई अंकुश नहीं है। किराया अधिक होने से कई मेधावियों को एक ही कमरे में रहना मजबूरी होता है। इससे भी पढ़ाई में व्यवधान आता है। बोले जिम्मेदार: जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ पवन कुमार तिवारी का इस बारे में कहना है कि जनपद में जो कोचिंग सेंटर पंजीकृत हैं जिनको हमारी अनुमति प्राप्त हैं वह सभी मानकों के अनुरूप संचालित की जा रही हैं। लेकिन निरीक्षण के समय जो भी कोचिंग सेंटर मानक के अनुरूप नहीं पाये गये उनमें सात-आठ को नोटिस भेजी गई है। उन लोगों ने जवाब दिया है कि जल्द ही मानकों को पूरा करा लेंगे। जिन कोचिंग को अनुमति दी है उसे मानकों को देखकर दी गई है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें