अब पहले की तरह शुरू हुआ मरीजों का इलाज
ताल सहित सभी अस्पतालों में कोरोना काल से पहले की तरह मरीजों का उपचार शुरू हो गया है। गंभीर मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। जबकि इमरजेंसी सेवाएं...
औरैया। हिन्दुस्तान संवाद
शहर के 50 शैय्या व 100 शैय्या जिला अस्पताल सहित सभी अस्पतालों में कोरोना काल से पहले की तरह मरीजों का उपचार शुरू हो गया है। गंभीर मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। जबकि इमरजेंसी सेवाएं जिले में पहले ही शुरू करा दी गई थीं। हालांकि कोविड-19 के चलते इलाज के दौरान अभी भी सावधानियां बरतीं जा रही हैं। कोरोना मरीजों की संख्या कम होने से एलवन-1 हॉस्पिटल बंद कर दिया गया है।
मार्च के महीने में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी बंद हो गई थी। शासन के निर्देश पर बहुत से अस्पतालों को कोविड-19 अस्पतालों में बदल दिया गया था। ओपीडी के साथ ही गंभीर मरीजों का ओपीडी में भर्ती होना भी रुक गया था। लेकिन वैक्सीन आने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ। शासन के निर्देश पर जिले के 100 शैय्या व 50 शैय्या जिला अस्पताल सहित सात सीएचसी व 25 पीएचसी में मरीजों का उपचार पहले की तरह शुरू हो गया है। वार्ड में नई मरीज भी भर्ती किए जा रहे हैं। 50 शैय्या जिला अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं काफी पहले ही शुरू कर दी गई थी। अब मरीज निडर होकर अस्पताल में दवा लेने पहुंच रहे हैं। बता दें कि कोरोना काल में ओपीडी बंद होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। छोटी सी बीमारी होने पर भी मरीज इधर-उधर भटकते रहते थे। जबकि अस्पताल बंद चल रहे थे। सबसे अधिक परेशानी बच्चों व बुजुर्गों को उठानी पड़ी।
कोट
शासन के निर्देश पर जिले के 50 शैय्या व 100 शैय्या जिला अस्पताल सहित सभी सीएससी व पीएससी पर ओपीडी सितंबर व अक्टूबर के महीने से शुरू करा दी गई थी। वहीं इमरजेंसी सेवा पहले ही चालू हो चुकी थी। इस समय जिले के सभी अस्पतालों में मरीजों को सभी स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं।
डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, सीएमओ
कोरोना मरीजों की संख्या कम होने से बंद हुआ एल-1 हॉस्पिटल
औरैया। जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आने के चलते कोविड-19 अस्पताल बंद हो गए हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों की भर्ती के लिए दिबियापुर में में छह एलवन-1 अस्पताल चल रहा था। जबकि 100 शैय्या जिला अस्पताल में बने महिला एवं बाल स्वास्थ्य अस्पताल में एल 2 हॉस्पिटल बनाया गया था। जबकि वहां के सामान्य मरीज 100 शैय्या अस्पताल में ही देखे जा रहे हैं। मरीजों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिबियापुर के एल-1 अस्पताल को बंद कर दिया गया है। जबकि एल-2 अस्पताल अभी संचालित है। हालांकि वहां भी मरीज नहीं पहुंच रहे हैं।
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