बोले बृजभूषण शरण सिंह, मैं झुक जाता तो सारे मसले सुलझ जाते
औरैया में विजयादशमी महोत्सव के दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि क्षत्रियों को शस्त्र और शास्त्र का ज्ञान होना चाहिए। समारोह में कई विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया और समाज के...
औरैया। मैं झुक जाता तो सारे मसले सुलझ जाते, लेकिन मेरे किरदार का कत्ल हो जाता। वह यही चाहते थे मगर मैंने वैसा नहीं किया। औरैया के महाराणा प्रताप भवन में क्षत्रिय महासभा की ओर से रविवार को आयोजित विजयादशमी महोत्सव में कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि क्षत्रियों को शस्त्र के साथ शास्त्र का भी ज्ञान होना चाहिए। बृजभूषण शरण सिंह अपने निजी हेलीकाप्टर से मंडी समिति औरैया में बने हेलीपैड पर पहुंचे, जहां पर क्षत्रिय महासभा के संरक्षक कुं रवीन्द्र सिंह कुशवाह की ओर से भव्य स्वागत किया गया। सैकड़ों वाहनों व बाइकों के काफिले के साथ हेलीपैड से कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बृजभूषण शरण सिंह सीधे महाराणा प्रताप भवन जालौन चौराहा पहुंचे।
समारोह की शुरुआत ध्वजारोहण, ध्वज गीत गायन और शस्त्र पूजन के साथ हुई। इस मौके पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, मां दुर्गा और महाराणा प्रताप के चित्रों पर माल्यार्पण किया। मुख्य अतिथि बृजभूषण शरण सिंह के साथ बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा, इटावा की विधायक सरिता भदौरिया, भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आनंद सिंह जिला प्रभारी मुकेश सिंह भी शामिल रहे। सभी अतिथियों का क्षत्रिय समाज के पदाधिकारियों ने माल्यार्पण, प्रतीक चिन्ह और तलवार भेंटकर सम्मान किया। समारोह में बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने अपने संबोधन में कहा कि बृजभूषण सिंह ने व्यस्तता के बावजूद इस कार्यक्रम में शिरकत की। इसके वह क्षत्रिय समाज की ओर से आभार व्यक्त करते हैं। समारोह की अध्यक्षता शिवपाल सिंह जादौन ने की, संचालन राजेश सिंह कुशवाह और दिनकर प्रताप सिंह ने किया। समारोह का समापन क्षत्रिय समाज के बुजुर्गों और मेधावी छात्रों को सम्मानित करने के साथ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से क्षत्रिय महासभा के संरक्षक रवीन्द्र सिंह कुशवाह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपू सिंह, मुकेश सिंह सेंगर, जिला पंचायत सदस्य कर्मवीर सिंह, दीपेन्द्र सिंह, गौरव सिंह, अंकित सिंह, यशप्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।
मैंने हर कठिनाई का सामाना किया है
अपने भाषण में बृजभूषण शरण सिंह ने क्षत्रिय समाज को अपने गौरवमयी इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि क्षत्रियों का इतिहास मनु और परीक्षित से शुरू होता है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में शस्त्र और शास्त्र दोनों का ज्ञान होना जरूरी है। अगर शरीर निरोग है और घर में सुख समृद्धि है तभी हम शस्त्र उठा सकते हैं। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के गीता में दिए कर्म सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। बृजभूषण सिंह ने अपने जीवन के संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने अपने जीवन में जानवर चराए हैं ओर खेती भी की है। मैंने हर कठिनाई का सामना किया है लेकिन कभी अपने किरदार से समझौता नहीं किया। अगर मैं झुक जाता तो सभी समस्याएं हल हो जातीं लेकिन मेरे आत्मसम्मान और क्षत्रिय के किरदार का कत्ल हो जाता।
अच्छी संगत व साहित्य से ही मिलती है मंजिल
बृजभूषण सिंह ने युवाओं को अच्छी संगत साहित्य पढ़ने की सलाह दी। कहा कि अच्छी किताबें और सकारात्मक माहौल व्यक्ति को सही दिशा में ले जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने समाज के बुजुर्गों और मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। जिन्हें क्षत्रिय महासभा की ओर से शील्ड भेंट की गई।
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