सुंदर भाटी को सजा सुनाने वाले जज पर हमले की कोशिश, हाईवे पर घेरा; दिखाए हथियार
- विशेष न्यायाधीश डा.अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि वे 29 अक्तूबर की देर शाम कार से फर्रुखाबाद से अलीगढ़-पलवल के रास्ते नोएडा जा रहे थे। तभी शाम को गौमत चौराहा पार कर जट्टारी की ओर जाते समय बुलेरो सवार पांच अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की।
Attempt to Attack on Judge: यूपी के फर्रुखाबाद में तैनात एडीजे विशेष ईसी एक्ट पर खैर क्षेत्र में दीपावली से पहले धनतेरस की देर शाम हमले की कोशिश हुई। हमले का ये प्रयास उस समय हुआ, जब एडीजे डॉ. अनिल कुमार सिंह फर्रुखाबाद से दीपावली पर अपनी गाड़ी से नोएडा जा रहे थे। पांच लोगों ने उन्हें हाईवे पर घेर लिया। उनकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की। उन्होंने कई बार यह प्रयास किया। इस दौरान वे लगातार जज की ओर निशाना करके हथियार दिखाते रहे।
इस संबंध में खैर में अब मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें साफ उल्लेख है कि उन्होंने नोएडा में तैनाती के दौरान पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी सहित उसके 11 साथियों को उम्रकैद सुनाई थी। अंदेशा है कि उसी रंजिश में उन पर हमले की कोशिश हुई। पुलिस ने मुकदमा दर्जकर जांच शुरू कर दी है। यह मुकदमा दर्ज कराते हुए फर्रुखाबाद ईसी एक्ट के विशेष न्यायाधीश डा.अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि वे 29 अक्तूबर की देर शाम कार से फर्रुखाबाद से अलीगढ़-पलवल के रास्ते नोएडा जा रहे थे। तभी शाम को गौमत चौराहा पार कर जट्टारी की ओर जाते समय बुलेरो नंबर यूपी 81 7882 सवार पांच अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की। न रुकने पर बुलेरो सड़क पर लगाकर रास्ता रोक कर कई बार यह प्रयास किया और ये लोग अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे। साथ में मेरा वाहन रोकने के लिए हथियारों को मेरी ओर निशाना बना रहे थे। मगर मैं किसी तरह बच निकला और इन लोगों ने सोफा चौकी तक पीछा किया। मगर उन्होंने सोफा चौकी पर अपनी गाड़ी रोक ली तो ये लोग यू टर्न होकर पीछे लौटगए।
मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है एसएसपी
एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि एडीजे द्वारा उस रात भी सूचना दी गई थी। उस समय सिर्फ अंदेशा जताया गया था कि कुछ लोगों ने गाड़ी रोकने या पीछा करने की कोशिश की है। अब उनके द्वारा तहरीर भेजी गई है। जिस पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि जिले में सुंदर भाटी गैंग का कोई संपर्क नहीं है। फिर भी जांच की जा रही है। जो सत्य होगा कार्रवाई की जाएगी।
मुकदमे में रोडरेज के अंदेशे का उल्लेख
मुकदमे के साथ बुलेरो के फोटो संलग्न करते हुए कहा है कि उस समय तत्काल सोफा चौकी प्रभारी, पीआरओ एसएसपी, इंस्पेक्टर खैर आदि को सूचित किया। चूंकि पूरे रास्ते में न तो उनकी किसी वाहन से टक्कर हुई और न अन्य कोई बात हुई। इसलिए रोडरेज जैसी कोई बात नहीं थी। मगर इन सभी ने जानबूझकर उन्हें आतंकित करने और मारने के इरादे से ये सब कुछ किया। हालांकि तहरीर में उल्लेख है कि उनकी किसी से कोई रंजिश नहीं है। मगर उल्लेख किया है कि जिला न्यायालय गौतमबुद्ध नगर में बतौर एडीजे तैनाती के दौरान उन्होंने 5 अप्रैल 2021 को वर्ष 2015 के आठ मुकदमों में निर्णय सुनाया है। इन मुकदमों में आरोपी सुंदर भाटी और उसके 11 गिरोह के सदस्यों ऋषि पाल, सिंह राज, योगेश, विकास पंडित, कालू भाटी उर्फ बील उर्फ कवींद्र, दिनेश भाटी, अनूप भाटी, यतेंद्र चौधरी, सोनू, बॉबी उर्फ शेर सिंह और सुरेंद्र पंडित को दोषी ठहराकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। क्योंकि इनका लंबा आपराधिक इतिहास है। कभी इनको दोषी नहीं ठहराया गया। मुकदमे के अनुसार उन्हें संदेह है कि सुंदर भाटी और उनके गिरोह के सदस्यों ने इसी दोषसिद्ध और सजा के फैसले का बदला लेने के इरादे से उस रात हमले की साजिश रची गई है। इसी आधार पर यह मुकदमा खैर थाने में एसएसपी को भेजे गए शिकायती पत्र के आधार पर शनिवार रात दर्ज किया गया है।
सपा नेता हरेंद्र नागर व गनर की हत्या में सुनाई थी सजा
एडीजे ने जिस सजा का उल्लेख मुकदमे में किया है। यही सजा थी, जिसमें सुंदर भाटी व उनके साथियों को सपा नेता व उसके गनर की हत्या में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। सुंदर का विरोधी अमित कसाना रहा अलीगढ़ जेल सुंदर भाटी का सीधा संबंध कभी अपने जिले से नहीं रहा। मगर उसका विरोधी नरेंद्र भाटी का भांजा अंमित कसाना अलीगढ़ जेल में रहा है। उसे नोएडा से प्रशासिक आधार पर यहां रखा गया था। यहां रहने के दौरान उस पर जेल से ही एक गाड़ी चालक की गाड़ी सहित खैर में जलाकर हत्या कराने का साजिश का आरोप लगा था। मगर पुलिस विवेचना में इस बात की तस्दीक नहीं हो पाई थी।
इन धाराओं में मुकदमा
191(2) साधारण दंगे के प्रयास, 109 जान से मारने की कोशिश, 126 (2) किसी को गलत तरीके से रोकना, 352 शांति भंग का अंदेशा, 131 गंभीर उकसावा, हमला, 125 सुरक्षा खतरे में डाला, 61 (2) दो या दो से अधिक लोगों की साजिश।