मांगी कुछ दिनों की, मिली केवल एक घंटे की मोहलत, रोपवे के लिए आठ दुकानों वाले मकान पर गरजा बुलडोजर
वाराणसी में बन रहे रोपवे के स्टेशन के लिए यहां के हृदय स्थल कहे जाने वाले गोदौलिया पर बुलडोजर गरजा। आठ दुकानों वाले मकान को ढहा दिया गया। मकान में रहने वाले दो परिवारों और दुकानदारों ने प्रशासन से कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी लेकिन केवल एक घंटे की ही मिली।
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वाराणसी में बन रहे रोपवे के स्टेशन के लिए यहां के हृदय स्थल कहे जाने वाले गोदौलिया पर बुलडोजर गरजा। आठ दुकानों वाले मकान को ढहा दिया गया। मकान में रहने वाले दो परिवारों और दुकानदारों ने प्रशासन से कुछ दिनों की मोहलत मांगी थी लेकिन केवल एक घंटे की ही मिली। इस दौरान पूरे सामान भी नहीं समेटे जा सके। नम आंखों से ही दुकानदार और उनके परिवार के सदस्य आशियाना को टूटते देखते रहे। करीब तीन घंटे चली कार्रवाई के दौरान पहले से ही सड़क पर एक लेन पर यातायात रोक दिया गया।
वाराणसी रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक बनने वाले रोपवे का यहीं पर चार मंजिला अंतिम स्टेशन बनना है। 16 बिस्वा जमीन इसके लिए यहां पर मिली है। इसी जमीन पर एक जर्जर भवन में 8 दुकानें चल रही थीं। इसी भवन में दो परिवार भी रहते थे। अब दोनों परिवार भी सड़क पर आ गए हैं।
कुछ दिनों पहले भी एक भवन को ध्वस्त किया गया था। तब दुकानदार और व्यापारी नेता भी विरोध में सामने आ गए थे। प्रशासन ने दुकानदार से दस्तावेज भी लाने को कहा लेकिन वह दिखा नहीं सके थे। इसके बाद सोमवार को बुलडोजर पहुंचा तो एक बार फिर दुकानदारों और परिवारों ने कुछ दिनों की मोहलत मांगी जिसे प्रशासनिक एवं वीडीए के अफसरों ने ठुकरा दिया।
प्रशासन ने केवल एक घंटे की मोहलत दी। इस दौरान सभी अपने पूरे सामान भी नहीं समेट सके। बुलडोजर ने गरजना शुरू किया तो दुकानदार और उनके परिवार के साथ इसमें रहने वाले दो परिवारों के सदस्य नम आंखों से अपने आशियाने टूटते देखते रहे।
वाराणसी रेलवे स्टेशन से गोदौलिया के बीच रोप-पे प्रोजेक्ट का अंतिम टॉवर (संख्या-29) यहीं बनाया जाएगा। पिलर के साथ ही चार मंजिला स्टेशन और दुकानें भी बनेंगी। अधिकारियों ने हालांकि दुकानदारों को मुआवजा मिलने का आश्वासन दिया। वहीं लीजधारक को भी मुआवजे के प्रावधानों के तहत लाभ मिलने की बात कही। बोले कि यहां के दुकानदारों को रोप-वे स्टेशन परिसर में दुकानें आवंटित की जाएंगी।
खत्म हो गई थी लीज
वीडीए सचिव डॉ. वेदप्रकाश मिश्र ने बताया कि यह जमीन सरकारी है। कुछ वर्ष पहले इसकी लीज समाप्त हो चुकी है। भवन का पीछे का बड़ा हिस्सा खाली था, वहां कबाड़ पड़े हुए थे। वीडीए अधिकारियों से स्थानीय लोगों ने गिरजाघर चौराहे से (चर्च के सामने) गोदौलिया के बीच अन्य भवनों के भी ध्वस्तीकरण के संबंध में पूछताछ की। इस दौरान संयुक्त सचिव परमानंद यादव, नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड की प्रोजेक्ट मैनेजर पूजा मिश्रा मौजूद रहीं।