अखिलेश, मायावती की नींद उड़ाएंगे ओवैसी-आजाद, यूपी में AIMIM और ASPKR का गठबंधन?
- उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई 10 विधानसभा सीटों पर उप-चुनाव के कार्यक्रम आयोग ने अभी तक तय नहीं किया है लेकिन पार्टियां पूरी सक्रियता से मैदान में उतर चुकी हैं। चर्चा है कि असदुद्दीन ओवैसी और चंद्रशेखर आजाद के बीच यूपी में उपचुनाव मिलकर लड़ने के लिए गठबंधन की बात चल रही है।
लोकसभा चुनाव को खत्म हुए तीन महीने से ऊपर हो चुके हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में विधानसभा की खाली 10 सीटों पर उप-चुनाव की घोषणा का इंतजार चल रहा है। चुनाव आयोग अधिसूचना जारी करे इससे पहले राजनीतिक पार्टियां पूरी तैयारी से मैदान में उतर चुकी हैं। भारतीय जनता पार्टी ने तो हर सीट पर सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार के तीन-तीन मंत्रियों की ड्यूटी लगा दी है। ताजा चर्चा ये है कि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (काशीराम) दस सीटों का उप-चुनाव गठबंधन करके लड़ सकती है। यह खबर एक साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के लिए नींद उड़ाने वाली साबित हो सकती है।
ओवैसी की पार्टी उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव भी लड़ी थी लेकिन उसे एक सीट पर भी कामयाबी नहीं मिली। ओवैसी ने तब बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, वामन मेश्राम की भारत मुक्ति मोर्चा, अनिल सिंह चौहान की जनता क्रांति पार्टी, राम प्रसाद कश्यप की भारतीय वंचित समाज पार्टी, मोहम्मद अयूब की पीस पार्टी और आमिर रशादी मदनी की राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के साथ मिलकर भागीदारी परिवर्तन मोर्चा बनाया था। गठबंधन को एक सीट नहीं मिल पाई। इसी तरह चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी भी लड़ी थी लेकिन नतीजा शून्य रहा।
कांग्रेस के करीब आ रहे हैं ओवैसी? रेवंत रेड्डी ने तारीफ में पढ़े कसीदे, बताया गरीबों को मसीहा
नगर निकाय चुनाव के दौरान मेरठ में ओवैसी की पार्टी के मेयर कैंडिडेट मोहम्मद अनस खुद तो नहीं जीत पाए लेकिन दूसरे नंबर पर आकर सपा को तीसरे पर धकेल दिया। ओवैसी के कैंडिडेट को कुछ और इलाकों में ठीक-ठाक वोट मिले थे। मोहम्मद अनस ने जुलाई में ओवैसी को छोड़कर आजाद की पार्टी ज्वाइन कर ली। नगीना लोकसभा सीट से चंद्रशेखर आजाद ने 5 लाख से ज्यादा वोट जुटाया और भाजपा को डेढ़ लाख से ऊपर के मार्जिन से हरा दिया। बसपा को नगीना में मात्र 13 हजार वोट मिल पाए। दूसरे शब्दों में कहें तो आजाद ने बसपा का वोट खींच लिया।
उपचुनाव के ऐलान से पहले ही भाजपा ने झोंकी ताकत, हर सीट पर तीन-तीन मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष भी सक्रिय
नगीना से जीतकर चंद्रशेखर आजाद यूपी में उभरते हुए दलित नेता के तौर पर स्थापित हो गए हैं। आजाद पांव पसारने को तैयार हैं इसलिए हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन में विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में देश भर में मुसलमानों के बीच पहचान रखने वाले ओवैसी और दलित वर्ग से निकले युवा नेता आजाद का गठबंधन अखिलेश के मुस्लिम और मायावती के दलित वोट बैंक में सेंधमारी कर सकता है। हरियाणा चुनाव के बाद गठबंधन को ओवैसी और आजाद अंतिम रूप दे सकते हैं।
हरियाणा में नया गठबंधन, ASP से मिलकर चुनाव लड़ेगी JJP, कैसे जाट-दलित कर सकते हैं खेला?
उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है उसमें करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, सीसामऊ और कुंदरकी अखिलेश यादव की सपा के पास थी। गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां और खैर सीट भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में थी। मीरापुर सीट से जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल का विधायक था। सीसामऊ सीट के अलावा बाकी 9 सीट मौजूदा विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई है। सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा मिलने के बाद विधानसभा से अयोग्य घोषित होने के बाद रिक्त हुई है।