Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़amu professor who made false complaints against fellow teacher posing as hindu girl student suspended

हिंदू छात्रा बनकर साथी शिक्षक की झूठी शिकायतें करने वाला प्रोफेसर सस्‍पेंड, AMU में ऐक्‍शन

  • एएमयू के रसायन विज्ञान विभाग में तैनात रहे इस प्रोफेसर के खिलाफ विश्‍वविद्यालय के अधिकारियों ने स्‍थानीय पुलिस की मदद से लंबी आंतरिक जांच की। इसके बाद उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई। प्रोफेसर पर अपने विभाग में कार्यरत डॉ.इशात खान के बारे में 22 बार झूठी शिकायतें करने का आरोप है।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानMon, 13 Jan 2025 07:05 AM
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Aligarh Muslim University news: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में हिंदू छात्रा बनकर साथी शिक्षक की झूठी शिकायतें करने वाले प्रोफेसर पर ऐक्‍शन हुआ है। उन्‍हें सस्‍पेंड कर दिया गया है। एएमयू के रसायन विज्ञान विभाग में तैनात रहे इस प्रोफेसर के खिलाफ विश्‍वविद्यालय के अधिकारियों ने स्‍थानीय पुलिस की मदद से करीब एक महीने की लंबी आंतरिक जांच की। इसके बाद उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई। प्रोफेसर पर अपने विभाग में कार्यरत डॉ.इशात खान के बारे में 22 बार झूठी शिकायतें करने का आरोप है।

मिली जानकारी के अनुसार जांच के दौरान यूनिवर्सिटी के रजिस्‍ट्रार ने प्रोफेसर रियाजुद्दीन को नोटिस देते हुए सात दिन में जवाब मांगा था। प्रोफेसर ने इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद अनुशासनहीनता और झठी शिकायतें करने के आरोप में उन्‍हें सस्‍पेंड कर दिया गया। सस्‍पेड रहने के दौरान उन्‍हें केवल जीवन निर्वाह भत्‍ता मिलेगा। जांच पूरी होने तक अधिकारियों ने उन्‍हें जिला न छोड़ने की भी हिदायत दी है। यूनिवर्सिटी के प्रॉक्‍टर मोहम्‍मद वसीम ने इस बारे में मीडिया से कहा कि गहन जांच के बाद प्रोफेसर रियाजुद्दीन को सस्‍पेंड किया गया है।

क्‍या हुआ था?

एएमयू में रसायन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इशात मोहम्मद खान ने 16 नवंबर को शिकायत की कि 20 सितंबर को विभाग के प्रोफेसर रियाजुद्दीन द्वारा हिन्दू छात्रा के नाम पर 20 शिकायतें डाक पोस्ट के द्वारा की गई। इन शिकायतों में एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ परीक्षा संबंधी, पेपर, कुछ धार्मिक आरोप भी लगाए गए। मामले में एसोसिएट प्रोफेसर ने एएमयू इंतजामिया और पुलिस प्रशासन को शिकायत की थी। प्रोफेसर ने अपनी शिकायतों के साथ डाकघर की फुटेज भी बतौर सबूत सौंपी थी। इसमें कथित तौर पर प्रोफेसर रियाजुद्दीन पोस्ट करते हुए और रसीद प्राप्त करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

एएसपी के सामने कबूल किया था जुर्म

जब इस मामले की जांच के दौरान एएसपी ने आरोपी प्रोफेसर से पूछा तो उन्होंने पहले इस बात को सिरे से नकार दिया। उन्‍होंने कहा कि वह पोस्ट ऑफिस जाते रहते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि ये सारी पोस्ट उन्‍होंने की है। लेकिन जब एएसपी ने रजिस्ट्री का समय और रसीद लेने का फुटेज दिखा तो उनके पास कोई जवाब नहीं रहा। उन्होंने कबूल कर लिया कि उन्होंने झूठी शिकायतें की हैं।

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