12 दिन जूझने के बाद जिंदगी की जंग हार गई राजेंद्री
हसनपुर, संवाददाता। अपंजीकृत अस्पताल में झोलाछाप द्वारा किया गया आपरेशन महिला की मौत का कारण बन गया। 12 दिन तक मौत से जंग लड़ने के बाद वह हार गई। मह
अपंजीकृत अस्पताल में झोलाछाप द्वारा किया गया आपरेशन महिला की मौत का कारण बन गया। 12 दिन तक मौत से जंग लड़ने के बाद वह हार गई। महिला की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। उधर, कई दिन से झोलाछाप अस्पताल से सभी सामान लेकर गायब है। कोतवाली क्षेत्र के गांव रखेड़ा निवासी दुलीचंद ने पत्नी राजेंद्री को पित्त की थैली की पथरी के ऑपरेशन के लिए नगर के रहरा मार्ग स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। गत 9 नवंबर को झोलाछाप ने राजेंद्री का आपरेशन कर दिया। दुलीचंद का कहना है कि आपरेशन के बाद राजेंद्री को ब्लीडिंग शुरू हो गई। ज्यादा खून बहने की वजह से उसकी हालत बिगड़ती चली गई। इस पर नर्सिंग होम संचालक ने आनन-फानन में राजेंद्री को मेरठ के निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। दुलीचंद की शिकायत पर सोमवार को सीएचसी अधीक्षक डा.ध्रुवेंद्र कुमार ने नर्सिंग होम में छापा मारा तो चिकित्सीय उपकरणों व दवा से लेकर सारा सामान गायब था। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि संचालक सभी सामान लेकर फरार हो गया है। उधर, मेरठ में उपचार के दौरान गुरुवार शाम 45 वर्षीया राजेंद्री की मौत हो गई, परिवार में कोहराम मच गया। राजेंद्री के छह बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियों की शादी हो चुकी है। शुक्रवार को राजेंद्री का शव गांव लाकर गंगा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। सीएमओ डा.सत्यपाल सिंह ने बताया कि मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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