Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़अमरोहाShayari Night in Bhim Nagar Poets Dazzle Audience with Heartfelt Verses

शायरों ने महफिल में कलाम सुनाकर लूटी वाहवाही

शनिवार रात मोहल्ला भीम नगर में अदबी संस्था द्वारा शेअरी नशस्त का आयोजन किया गया। हाजी कल्लन और चौधरी जमीर अहमद ने कार्यक्रम की शुरुआत की। विभिन्न शायरों ने अपने बेहतरीन कलाम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध...

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाMon, 18 Nov 2024 12:03 AM
share Share

अदबी संस्था के संयोजन में शनिवार रात कस्बे के मोहल्ला भीम नगर में शेअरी नशस्त का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत हाजी कल्लन व चौधरी जमीर अहमद ने संयुक्त रूप से शमा रोशन कर की। आगाज हुसैन अहमद व मोहम्मद निहाल अल्वी ने नात-ए-पाक से किया। इसके बाद शायरों ने एक के बाद एक बेहतरीन कलाम सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। महफिल की शुरुआत करते हुए शहाबुद्दीन सैफी ने पढ़ा...उसके बीते जमाने से क्यों हो गिला, वो किसी का भी था अब मेरा हो गया। हास्य व्यंग के शायर जफर गनी ने श्रोताओं को यूं गुदगुदाया...देखो हरामखोर कमाने को जारिया, जाने से पहले आने का हिसाब लगा रिया। नौशाद राज ने कहा...जिस बात से थे डरते वो ही बात हो गई, उनसे ना चाहकर भी मुलाकात हो गई। अलाउद्दीन सैफी ने यूं पढ़ा...मौत का झोंका उड़ाकर ले गया, जिंदगी बस हाथ मलकर रह गई। निजामुद्दीन निजाम ने अपनी बात को यूं पिरोया...कितनी मुश्किल से पाला था औलाद को, आज वो मां यूं ही दर बदर हो गई। डा.नदीम मलिक ने पढ़ा... रब का फरमान आम कर दो मलिक, सब्र से कारोबार चलते हैं। डा.फैसल शुजाअत ने इस अंदाज में अपनी बात रखी...चांद छुपता है उन्हें देख के अक्सर फैसल, जब वो रुखसार से जुल्फों को हटा देते हैं। जुनैद रिफअत ने कहा...वो चारागर है उसे देखने की हसरत में, मरीज आते हैं करके बुखार का नाटक। बिलाल बाकरी यूं नमूदार हुए... मैंने खंगाल डाली है रिश्तों की हर लुगत, मां जैसी कोई जात नहीं कायनात में। हास्य व्यंग के शायर रियासत अली टमटम ने कहा...जब भी देखा महबूब को रोते देखा, खाक पड़ जाए ऐसी बरसात पर। इफ्तेखार अहमद ने कहा...आदत मुझे हुक्म देने की, शाह था मैं गुलाम से पहले। इनके अलावा मोहम्मद शाकिर मसऊदी, मोहम्मद असलम, उमर अब्दुल्ला सिंधी ने भी नशस्त में अपना कलाम पेश किया। इस दौरान इंतजार अहमद, हकीम चमन, चौधरी फहीमुद्दीन, हाजी कल्लन, नवाबुद्दीन बिजनौरी, जमीर अहमद, डा.शहरोज मुख्तार, हाजी बब्बन हुसैन, मौलाना आरिफ कासमी, चौधरी नदीम, मोहम्मद असलम, चौधरी अली वारिस, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद आकिल आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता सरदार अहमद ने तथा संचालन अलाउद्दीन सैफी ने किया।

फोटो कैप्शन -उझारी में कलाम पेश करते शायर।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें