निजी एंबुलेंसों में खप रही रसोई गैस, रीफिलिंग से हो रहे हादसे
अमरोहा, संवाददाता। एलपीजी लगी निजी एंबुलेंसों में रसोई गैस की खपत लगातार बढ़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक जिले की सड़कों पर दौड़ रहीं निजी एंबुलेंसों मे
एलपीजी लगी निजी एंबुलेंसों में रसोई गैस की खपत लगातार बढ़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक जिले की सड़कों पर दौड़ रहीं निजी एंबुलेंसों में रोजाना 500 तक एलपीजी सिलेंडर खप रहे हैं। इससे एलपीजी की अवैध रिफलिंग को बढ़ावा मिल रहा है। एलपीजी की रिफिलिंग से हादसों के खतरे के बीच एंबुलेंसों में ढोते समय मरीज और तीमारदारों की भी जान जाने का जोखिम बना रहता है। शासन ने एलपीजी की रिफिलिंग को प्रतिबंधित किया हुआ है। अधिकृत डीलर या एजेंसी के सिवाय एलपीजी गैस सिलेंडरों को जमा करने, बेचने और रिफिलिंग करने वालों पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इस बीच निजी एंबुलेंसों की वजह से एलपीजी की अवैध रिफिलिंग को बढ़ावा मिल रहा है। अकेले अमरोहा शहर में ही कई जगहों पर एंबुलेंसों में एलपीजी की अवैध रिफिलिंग की जा रही है। वहीं जोया कस्बे में भी कई जगहों पर अवैध रिफिलिंग का धंधा चल रहा है। एक अनुमान के मुताबिक जिले की सड़कों पर दौड़ रहीं निजी एंबुलेंसों में रोजाना 500 तक एलपीजी सिलेंडर खप रहे हैं। एलपीजी की रिफिलिंग करते समय जहां हादसे का डर बना रहता है, वहीं एलपीजी लगी निजी एंबुलेंसों में जाते समय मरीज और तीमारदारों की जान जाने का भी पूरा जोखिम बना रहता है। फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों गैस कंपनियों से रसोई गैस सिलेंडर मिलने में कनेक्शन धारकों को कोई समस्या नहीं है। पंजीकृत मोबाइल नंबर से या ऑनलाइन बुकिंग कराने के बाद उपभोक्ता घंटेभर में अपना एलपीजी गैस सिलेंडर आसानी ले सकते हैं। जागरूक उपभोक्ताओं के लिए ब्लैक में गैस सिलेंडर खरीदना अब बीते दौर की बात हो गई है। इस बीच भी रिफिलिंग का धंधा जोरों से चल रहा है। वहीं जिम्मेदार अफसर एलपीजी की रिफिलिंग के धंधेबाजों समेत निजी एंबुलेंस संचालकों पर शिकंजा कसने में पूरी तरह नाकाम हैं।
तड़के में होती है एलपीजी की रिफिलिंग
अमरोहा। रिफिलिंग के धंधेबाज एक एलपीजी सिलेंडर के एवज में 1000 से 1100 तक रुपये वसूल रहे हैं। शहर से कस्बों तक गोदामों पर दिन के उजाले से दूर तड़के में एलपीजी की रिफिलिंग कर धंधेबाज मोटी कमाई कर रहे हैं। गोदामों पर एंबुलेंसों में रिफिलिंग कर संचालक पौ फटने से पहले ही नौ-दो ग्यारह हो जाते हैं।
पूरी योजना के साथ निजी एंबुलेंसों की चेकिंग का दायरा बढ़ा दिया गया है। जल्द इसमें सफलता मिलने की उम्मीद है।
महेश कुमार शर्मा, एआरटीओ प्रवर्तन
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