गंगा का जलस्तर बढ़ने से भूसा-हारा चारा लाने के लिए नाव का सहारा
Amroha News - गजरौला, संवाददाता। तिगरी गंगा के जलस्तर में वृद्धि से खलबली मची हुई है। गंगा किनारे के किसानों की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। न केवल किसानों की तमाम पा

तिगरी गंगा के जलस्तर में वृद्धि से खलबली मची हुई है। गंगा किनारे के किसानों की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। न केवल किसानों की तमाम पालेज पानी में डूब गई है बल्कि गंगा के उस पार से पशुओं के लिए हरा चारा व भूसा लाने के लिए भी नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। झोपड़ी जलमग्न होने से पुरोहितों को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पिछले करीब एक माह से गंगा का जलस्तर काफी कम हो गया था। सोमवार से जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी शुरू हो गई। बाढ़ खंड विभाग के अवर अभियंता सुभाष चंद्र ने बताया कि बुलंदशहर के नरौरा बिजली उत्पादन इकाई से पानी की डिमांड होने के चलते बिजनौर के कालागढ़ डैम से पानी डिस्चार्ज किया गया था।
जिसके चलते तिगरी में गंगा का जलस्तर 5000 क्यूसेक पर पहुंच गया। बुधवार को भी जलस्तर लगभग स्थिर रहा। जिसके चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंगा के उस पार स्थित खेतों से हरा चारा व भूसा लाने के लिए नाव की जरूरत पड़ रही है। तिगरी निवासी किसान राम सिंह, मनोहर सिंह, विजयपाल सिंह, संतराम सिंह ने बताया कि पिछले तीन दिन से जलस्तर बढ़ने से खासी परेशानी हो रही है। गंगा की तलहटी में लगी पालेज में पानी भर गया है। पानी में डूबने से पालेज को नुकसान हुआ है। उधर, तिगरी धाम पर पुजारियों की झोपड़ियों तक में पानी पहुंच गया है, जिसके चलते पुरोहितों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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