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मुझे यह डर है कि इंसानियत ना मर जाए...

Amroha News - हसनपुर, संवाददाता। गणतंत्र दिवस पर नगर के मोहल्ला मनिहारान में मुशायरे का आयोजन किया गया। अध्यक्षता शाहनवाज अंसारी व शमा रोशन जावेद जरताब एवं अलीम

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाWed, 29 Jan 2025 03:46 PM
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मुझे यह डर है कि इंसानियत ना मर जाए...

गणतंत्र दिवस पर नगर के मोहल्ला मनिहारान में मुशायरे का आयोजन किया गया। अध्यक्षता शाहनवाज अंसारी व शमा रोशन जावेद जरताब एवं अलीम मेंबर ने की। मुशायरे का आगाज करते हुए सुलेमान फराज ने पढ़ा कि..हर शख्स तेरे बाद मुनाफिक लगा मुझे, मैं रफ्ता-रफ्ता सारे जमाने से कट गया। आरिफ हसनपुरी ने कुछ यूं कहा..मुझे यह डर है कि इंसानियत ना मर जाए, सभी के हाथ में खंजर दिखाई देते हैं। तसव्वर अली खावर ने पढ़ा.. वह भड़की आग थी आंखों में मेरे ख्वाबों की, सुलगती आंखों से भी इंतजार हमने किया। जावेद जरताब ने कहा..वह कहीं रास्ते से तो भटका नहीं, मुझको हर पल की उसकी खबर चाहिए। मुजाहिद अंसारी बोले..वो ऐसा शख्स है लहजा बदल भी सकता है, जरा सी बात पर हद से निकल भी सकता है। अफजल गौहर ने फरमाया..याद करते हैं दिए को सब अंधेरी रात में, कौन मिलता है किसी से अब जरूरत के बगैर। शम्सुल कमर शम्स ने पढ़ा..पंजाकशी पर उसको बड़ा ही गुरुर था, रख दी कलाई उसकी मियां मोड़-माड़ के। इनके अलावा सलमान मलिक, इकराम रामिश, शान ए आलम शान, फैसल अथर व अफजल साकिब आदि ने भी अपने कलाम पेश किए। इस दौरान सभासद हमजा अली, हाजी शाहिद, मोहम्मद नौशाद, मोनिस अंसारी, डा.याकूब अली, अकरम एडवोकेट, आमिर कुरैशी, महराज अंसारी, फरमान फारुकी, रिहान अंसारी, सिकंदर खान, फजील अब्बासी, आरिफ सैफी, दानिश मंसूरी, जाहिद पहलवान आदि मौजूद रहे।

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