सब्र ने जुल्म से कहा इतना, वक्त सबका सदा नहीं होता
हसनपुर, संवाददाता। तहसील क्षेत्र के गांव गंगवार में शुक्रवार रात आयोजित मुशायरे में मशहूर शायरों ने कलाम पेश किए। मुशायरे का आगाज तिलावत कलाम ए पाक एव
तहसील क्षेत्र के गांव गंगवार में शुक्रवार रात आयोजित मुशायरे में मशहूर शायरों ने कलाम पेश किए। मुशायरे का आगाज तिलावत कलाम ए पाक एवं नाते पाक से हुआ। मुख्य अतिथि जिपं सदस्य चौधरी आकिब, अजीम आदिल, महमूद अली उर्फ भूरे भाई, नौशाद अली व मुजाहिद चौधरी ने संयुक्त रूप से शमा रोशन की। उमर अब्दुल्ला सिंधी ने अपना कलाम पेश करते हुए कहा वो अचानक मिला नहीं होता, जख्म फिर से हरा नहीं होता, सब्र ने जुल्म से कहा इतना, वक्त सबका सदा नहीं होता। जमाल सिंधौलवी ने कहा जुल्फें नागिन हैं आंख अंगूरी, उसके होठों से रस टपकता है। जुनैद अख्तर ने यूं पढ़ा सभी को है खबर हर मसअले का हल मोहब्बत है, मोहब्बत से यह दुनिया दूर क्यों है हम नहीं समझे। अलीम वाजिद ने अपना कलाम यूं पेश किया दिन में जो गरीबों में रोशनी लुटाते हैं, रात को वही अक्सर बस्तियां जलाते हैं। निकहत मुरादाबादी ने कहा शौक से लीजिए ये जान तुम्हारी ही तो है, इश्क में जान क्या कुर्बान कर नहीं सकते। सुलेमान फराज ने कहा हर शख्स तेरे बाद मुनाफिक लगा मुझे, मैं रफ्ता-रफ्ता सारे जमाने से कट गया। मुजाहिद चौधरी एडवोकेट ने कहा ये मेरे गांव की मिट्टी का करिश्मा है मुजाहिद, तुमको मेरा जो ये किरदार नजर आता है। इनके अलावा इकराम रामिश, असद आदिल, आकिल जैतपुरी, चमन हैदर बाकरी, जावेद आसी देवबंदी, इंतखाब संभली, हकीम बुरहन, अजरा संभली, जीनत मुरादाबादी, इंजीनियर एहतेशाम, अली बाराबंकी आदि ने भी कलाम पेश किया। मुशायरे की सदारत चौधरी शाहनवाज व निजामत हकीम बुरहन संभली ने की।
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