मक्का की फसल को सता रहा पायरिला कीट, पैदावर पर पड़ेगा असर
Amroha News - गजरौला में मक्का की फसल पर पायरिला कीट का प्रकोप बढ़ रहा है, खासकर हाईब्रिड मक्का पर। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, यह कीट लगभग एक दशक बाद दिखाई दे रहा है। पायरिला की मादा प्रजाति पौधों की पत्तियों को...

गजरौला, संवाददाता। मक्का की फसल को पायरिला कीट का प्रकोप सताने लगा है। सबसे ज्यादा यह कीट हाईब्रिड मक्का पर हमला कर रहा है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक करीब एक दशक बाद यह कीट मक्का की फसल में दिखाई दे रहा है। अभी तक कीट गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा रहा था। पौधों की पत्तियों पर फुदकने वाले पायरिला का सीधा प्रभाव मक्का की पैदावार पर पड़ेगा। बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मक्का की फसल जनपद में ज्यादा है। मक्का के पौधे बढ़वार पर हैं। ऐसे में हल्के भूरे रंग का कीट पत्तों पर दिखाई देना शुरू हो गया है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पायरिला कीट है। कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डा. एके मिश्रा के मुताबिक करीब एक दशक पत्तियों को चूसने वाला यह कीट पायरिला है। पौधों को पायरिला की मादा प्रजाति ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। दो पूंछ की आकार की मादा पौधे की निचली सतह पर अंडे देती हैं, जो सफेद धागों की तरह ढके नजर आते हैं। अंडे फूटने के बाद पौधों पर चमकीला चिपचिता पदार्थ इकट्ठा हो जाता है। इससे पौधों पर फफूंदी लग जाती है। फफूंदी के चलते प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित होने पर पौधे कमजोर पड़ते ही सूखने लगते हैं। इससे पौधे न बढ़वार पकड़ पाते और न ही भुट्ठे विकसित हो पाते है। एक दशक पहले तक पायरिला का प्रकोप गन्ने की फसल में था। गन्ने के पौधों को भी पायरिला इसी तरह से नुकसान पहुंचाता रहा है। बताया कि पायरिला कीट की संख्या पौधों पर अधिक नजर आए तो इस दौरान फसल में यूरिया का इस्तेमाल करना नुकसान पहुंचाता है। किसान कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करके दवा का छिड़काव कर फसलें बचा सकते हैं।
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