Outsourced Workers Face Job Cuts Amid Safety Concerns in Amroha Electricity Department संसाधन न नौकरी की गारंटी, लटक रही छंटनी की तलवार, Amroha Hindi News - Hindustan
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संसाधन न नौकरी की गारंटी, लटक रही छंटनी की तलवार

Amroha News - अमरोहा में बिजली विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग ने कैटेगरी ए और सी के 37 कम्प्यूटर ऑपरेटरों की छंटनी का निर्णय लिया है, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश...

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाSun, 30 March 2025 02:59 AM
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संसाधन न नौकरी की गारंटी, लटक रही छंटनी की तलवार

अमरोहा। बिजली विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी बेहद विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। बिना सेफ्टी उपकरण काम कर रहे कर्मचारियों की नौकरी की गारंटी तो दूर अब कैटेगरी ए और सी को समाप्त करने के फैसल से दोनों कैटेगरी के 37 कम्प्यूटर ऑपरेटरों पर छंटनी की तलवार लटक गई है। इसके अलावा 55 साल की उम्र पूरी कर चुके संविदा लाइनमैनों को भी विभाग बाहर करेगा। विभाग ने कंपनी को लेटर जारी कर 55 साल की उम्र पूरी कर चुके संविदा लाइनमैनों का डेटा तलब किया है। शनिवार को बातचीत के दौरान विभाग में 15 से 20 साल तक सेवाएं दे चुके कर्मचारियों की पीड़ा छलक उठी। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के मेरठ डिस्कॉम के गजरौला जोन में शामिल अमरोहा, गजरौला व बिजनौर डिवीजन में आउटसोर्स पर कुल 150 कम्प्यूटर ऑपरेटरों के अलावा सैकड़ों संविदा लाइनमैनों की तैनाती है। इनमें आउटसोर्स पर सात से दस वर्ष तक तैनाती वाले ए कैटगरी के और अधिकतम पांच साल से तैनाती वाले सी कैटगरी के कम्प्यूटर ऑपरेटरों की दोनों कैटेगरी को समाप्त करके पांच से सात वर्ष तक विभाग में तैनात केवल बी कैटेगरी के कम्प्यूटर ऑपरेटरों की सेवाएं चालू रखने का फैसला लिया गया है। विभागीय फैसले से केवल बी कैटेगरी के 113 आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटरों की नौकरी बचेगी। इससे कैटेगरी ए और सी के कुशल व अकुशल सभी 37 कंप्यूटर ऑपरेटरों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। छंटनी से आहत मांगों को लेकर आंदोलित कर्मचारियों ने बीते दिनों की हड़ताल के बाद संगठन स्तर पर शुक्रवार को मेरठ डिस्कॉम की प्रबंध निदेशक को मांगपत्र सौंपा। इसमें कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने एमडी से बहाली की गुहार लगाते हुए नौकरी जाने पर आत्मदाह करने तक की चेतावनी दे डाली है। अन्य मांगों के अलावा तीनों कैटगरी को बरकरार रखने और हटाये गए कंप्यूटर ऑपरेटरों को बहाल करने के साथ ही वर्ष 2024-25 में काम से न हटाने का मुद्दा उठाया गया है। वहीं विभाग में दो दशक से भी ज्यादा समय से बिना सेफ्टी उपकरण काम करते हुए 55 साल की उम्र पूरी कर चुके संविदा लाइनमैनों पर भी अब छंटनी की तलवार लटक गई है। विभाग ने कंपनी को लेटर जारी कर ऐसे संविदा लाइनमैनों का डेटा तलब किया है।

योजनाओं का लाभ न सेहत की फिक्र

अमरोहा। आउटसोर्स पर विभाग में लंबे समय से तैनात कुशल व अकुशल कर्मचारियों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले कर्मचारियों की सेहत की भी महकमे को कोई फिक्र नहीं है। कर्मचारी लंबे समय से कंपनी के माध्यम से ईएसआई कार्ड बनवाकर सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज की सहूलियत दिलाने और श्रम विभाग में पंजीकरण कराकर श्रम विभाग और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग उठाते आ रहे हैं।

बिना सेफ्टी उपकरण काम करने की है मजबूरी

अमरोहा। आउटसोर्स कर्मचारियों की हालत बंधुआ मजदूरों जैसी बनी हुई है। जिसमें उन्हें थोड़े पैसों के खातिर जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है। कर्मचारी मानकों के मुताबिक प्लास, पेचकस, सेफ्टी बेल्ट, ट्राली युक्त सीड़ी, रबर के दस्ताने, अर्थिंग चेन व रॉड आदि सेफ्टी उपकरण उपलब्ध कराने की लंबे समय मांग उठाते आ रहे हैं। शासन की घोषणा मुताबिक आउटसोर्स विनियमावली के तहत 16 हजार से 20 हजार रुपये मानदेय दिलाने को भी भी कर्मचारी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

मेरी बात :

विभाग में 15 से 20 तक सेवाएं देने के बाद अचानक से बाहर का रास्ता दिखाया जाना अन्यायपूर्ण है। उच्चाधिकारियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

विशाल गोस्वामी

महंगाई के दौर में परिवार के साथ रहते हुए नौकरी जाने के बाद बेरोजगारी के ख्याल से दिल भर आता है। कंप्यूटर ऑपरेटरों की तीनों श्रेणियां बरकरार रखी जाएं।

विक्की गोले

कर्मचारियों के ईएसआई कार्ड बनवाकर सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज की सुविधा दिलाई जाए। साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाते हुए सेफ्टी उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएं।

अशोक कुमार

आउटसोर्स विनियमावली तैयार कर कर्मचारियों को 16 हजार से 20 हजार रुपये मानदेय दिलाया जाए। श्रम विभाग में पंजीकरण कराकर सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिलाया जाए।

निशांत कुमार

छंटनी से कुशल कर्मचारियों की कमी होने से विभागीय कामों पर असर पड़ेगा। कर्मचारियों के हित में उच्चाधिकारियों को छंटनी का फैसला वापिस लेना चाहिए।

गौरव

छंटनी पूरी तरह से अतार्किक और अन्यायपूर्ण है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। सुनवाई न होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।

सतीश कुमार

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