आदमपुर और रहरा में लकड़ियों के लिए कीकर के वनों को किया जा रहा आग के हवाले
एक ओर जहां हर तरफ ऑक्सीजन की किल्लत मची है तो वहीं दूसरी ओर सैकड़ों बीघे के कीकर के वनों में शातिर किस्म के लकड़ी माफिया आग लगाकर पौधों को सुखा रहे...
ढवारसी। संवाददाता
एक ओर जहां हर तरफ ऑक्सीजन की किल्लत मची है तो वहीं दूसरी ओर सैकड़ों बीघे के कीकर के वनों में शातिर किस्म के लकड़ी माफिया आग लगाकर पौधों को सुखा रहे हैं। बाद में इन पौधों को ईंधन के लिए इस्तेमाल करते हैं या फिर बेच देते हैं।
बताते चलें कि रहरा क्षेत्र में सैकड़ों बीघा वन विभाग की भूमि है। जिसमें कीकर आदि के पेड़ लगे हुए हैं। वन में जंगली जानवर, पशु व पक्षी रहते हैं। सरकार भी समय-समय पर अभियान चलाकर पौधरोपण कराती है। आदमपुर व रहरा थाना क्षेत्र में स्थित हजारों बीघे कीकर के वन को प्रतिदिन क्षेत्र की महिलाएं व पुरुष नष्ट करने में लगे हैं। पेड़ों को सूखाने के लिए आग लगाई जाती है। जब आग लगने से पेड़ सूख जाते हैं तो उन्हें काटकर घर ले जाते हैं और लकड़ियों को बेच देते हैं।
ताज्जुब की बात यह है कि रहरा गवां हाईवे किनारे स्थित कीकर वन में आग लगाना तथा पेड़ों को काटा जाना वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को दिखाई नहीं देता। इससे ऐसा लगता है कि कीकर वन से लकड़ियां वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से कट रही हैं। वन विभाग दरोगा सुमित राठी ने बताया कि मामले की सूचना मिली है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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