हर दौर में जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने का हौसला देती रहेगी कर्बला की जंग
अमरोहा। नवासा-ए-रसूल हजरत इमाम हुसैन के चेहलुम के सिलसिले में मंगलवार को अंजुमन-ए-इमामिया के संयोजन में रेलवे लाइन पार स्थित मोहल्ला दानिशमंदान की कर्
नवासा-ए-रसूल हजरत इमाम हुसैन के चेहलुम के सिलसिले में मंगलवार को अंजुमन-ए-इमामिया के संयोजन में रेलवे लाइन पार स्थित मोहल्ला दानिशमंदान की कर्बला में मजलिस का आयोजन किया गया। मर्सिया मोहम्मद असगर व हमनवां ने पेश किया। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना डा.शहवार हुसैन ने कहा कि अपने नाना के दीन के खातिर कर्बला में इमाम हुसैन ने 72 साथियों के साथ जो कुर्बानी पेश की दुनिया में उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं है। शहीद होने वालों में 90 साल के बुजुर्ग से लेकर छह महीने का मासूम भी शामिल था। कर्बला की जंग हर दौर में जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने का पैगाम देती रहेगी। आखिर में मौलाना ने इमाम हुसैन की जिंदगी से दर्स लेते हुए समाज में आपसी सद्भाव कायम रखने पर जोर दिया। मजलिस में कर्बला का गमनाक वाक्या सुनकर अजादारों की आंखें नम हो गईं। मजलिस के बाद शहर की मातमी अंजुमनों ने नोहाख्वानी व सीनाजनी कर बीबी फात्मा जहरा को लख्ते जिगर की शहादत का पुरसा दिया। इस दौरान संस्था अध्यक्ष नईम रजा, सचिव सिकंदर रजा, सामी नकवी, नातिक रजा, अब्बास रजा, डा.शहजाद रजा आदि मौजूद रहे।
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