कूट रचित शैक्षिक प्रमाण पत्र बनाने व सत्यापित करने में कथित प्रधानाचार्या समेत तीन पर मुकदमा
Amroha News - हसनपुर, संवाददाता। किशोरी को बालिग घोषित करने के लिए उसके कूट रचित शैक्षिक प्रमाण पत्र बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दिए गए। मामले की जांच पड़

किशोरी को बालिग घोषित करने के लिए उसके कूट रचित शैक्षिक प्रमाण पत्र बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दिए गए। मामले की जांच पड़ताल हुई तो पूरा भेद खुल गया। पता लगा कि जिस विद्यालय से अभिलेख जारी हुए, उसमें किशोरी कभी पढ़ी ही नहीं। इतना ही नहीं प्रमाण पत्र जारी करने वाली प्रधानाचार्या भी फर्जी निकली। दरोगा की तहरीर पर कथित प्रधानाचार्या समेत तीन लोगों पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस के मुताबिक बीती 28 जनवरी को थाना क्षेत्र के गांव निवासी 16 वर्षीया किशोरी थाने पर आई और बताया कि गत नौ जनवरी को वह अपने घर से मौसी के मकान पर थाना बिसरख क्षेत्र के गौतम बुद्ध नगर चली गई थी। वहां से वह बिना बताए थाने चली आई। कहा कि वह घर नहीं जाना चाहती है क्योंकि, मम्मी मुझे मारती पीटती है। किशोरी ने मां के साथ जाने से मना कर दिया। पुलिस ने उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से राजकीय बालिका गृह भेज दिया गया। इस बीच किशोरी के अंक पत्र व टीसी प्रस्तुत की गई। बताया गया कि पीड़िता ने कक्षा आठ तक की शिक्षा गांधी जूनियर हाईस्कूल पीलाकुंड हफीजपुर से प्राप्त की है। जांच पड़ताल के बाद पता लगा कि इस विद्यालय में पीड़िता कभी पढ़ी ही नहीं। जिस प्रधानाचार्या द्वारा टीसी जारी व सत्यापित की गई, उस नाम की प्रधानाचार्या भी कभी स्कूल में नहीं रही। थानाध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि कथित प्रधानाचार्या रेखा गुप्ता पत्नी बृजेश गुप्ता, आकाश व ब्रह्मपाल के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
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