Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़अमरोहाDisabled Individuals Struggle for UDID Certificates Amid Bureaucratic Delays

42 फीसदी दिव्यांगों के नहीं बने यूडीआईडी कार्ड, लगा रहे चक्कर पे चक्कर

अमरोहा, संवाददाता। दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाने के लिए शारीरिक-मानसिक रूप से अक्षम लोग सरकारी दफ्तारों के चक्कर लगा रहे हैं। इस बीच 42 फीसदी दिव्यांगों

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाThu, 19 Sep 2024 07:06 PM
share Share

दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाने के लिए शारीरिक-मानसिक रूप से अक्षम लोग सरकारी दफ्तारों के चक्कर लगा रहे हैं। इस बीच 42 फीसदी दिव्यांगों के महीनों बाद भी प्रमाणपत्र नहीं बने हैं। प्रमाणपत्र बनवाने के लिए जिम्मेदार अफसरों से दिव्यांग गुहार लगा रहे हैं। मगर सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं प्रमाणपत्र ने बनने से दिव्यांग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। शासन से जिले के करीब 12000 दिव्यांगों को मुख्यधारा में लाने के लिए दिव्यांग प्रमाणपत्र यानी यूडीआईडी कार्ड बनाने का लक्ष्य मिला है। लक्ष्य के सापेक्ष यूडीआईडी कार्ड बनवाने के लिए अब तक जिले के कुल 8005 दिव्यांगों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। इनमें से अभी तक तक महज 4660 यानी करीब 58 फीसदी दिव्यांगों के ही कार्ड बने हैं। इनमें से 2785 दिव्यांगों के कार्ड रिजेक्ट किए जा चुके हैं, और 525 अभी पेंडिंग में हैं। यूडीआईडी कार्ड बनाने के काम में सुस्ती के चलते करीब 42 फीसदी दिव्यांगों को यूडीआईडी कार्ड की दरकार बनी हुई है। महीनों बाद भी यूडीआईडी कार्ड न बनने से दिव्यांग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। कार्ड बनवाने के लिए दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, लोकोमोटर बाधित, मानसिक बाधित, मानसिक मंदता और मल्टीपल डिसएबिलिटी कैटेगरी के रोजाना 60 से 70 दिव्यांग सीएमओ कार्यालय से दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। कार्ड बनाने की ऑनलाइन प्रक्रिया से लेकर मेडिकल बोर्ड में आर्थोपेडिक सर्जन, फिजियोथेरेपिस्ट, मनोचिकित्सक, नेत्र विशेषज्ञ, श्रवण विशेषज्ञ समेत सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते दिव्यांगों के हौसले पस्त हो चुके हैं। कार्ड बनवाने के लिए जिम्मेदार अफसरों से दिव्यांग गुहार लगा रहे हैं। मगर सुनवाई नहीं हो रही है।

54 फीसदी यूडीआईडी कार्ड पेंडिंग में

अमरोहा। जिले में यूडीआईडी कार्ड बनाने की सुस्ती के चलते पेंडिंग लगातार बढ़ती जा रही है। आंकड़ों की बात करें तो चालू साल के दौरान कुल 927 दिव्यांगों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। इनमें 374 के कार्ड बन चुके हैं। कुल 48 आवेदन रिजेक्ट किए गए हैं। वहीं 505 यानी करीब 54 फीसदी दिव्यांगों के कार्ड पेंडिंग में हैं।

शुरू होने के साथ ही अप्रैल, मई व जून माह में पोर्टल बंद रहा था। इसके चलते यूडीआईडी कार्ड बनाने का काम प्रभावित हुआ। दिव्यांग प्रमाणपत्र प्राथमिकता के साथ बनाए जा रहे हैं। कर्मचारियों को इस ओर लापरवाही न बरतने की हिदायत दी है।

डा़ सत्यपाल सिंह, सीएमओ

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख