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50 हजार वसूलने में चकबंदी विभाग के डीडीसी, लेखपाल और स्टेनो ´पर बैठी जांच

Amroha News - अमरोहा, संवाददाता। चकबंदी न्यायालय में विचाराधीन मुकदमे के दौरान कोर्ट फीस के नाम पर 50 हजार रुपये वूसलने के मामले में डीडीसी, लेखपाल और स्टेनो पर

Newswrap हिन्दुस्तान, अमरोहाFri, 7 Feb 2025 12:38 AM
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50 हजार वसूलने में चकबंदी विभाग के डीडीसी, लेखपाल और स्टेनो ´पर बैठी जांच

चकबंदी न्यायालय में विचाराधीन मुकदमे के दौरान कोर्ट फीस के नाम पर 50 हजार रुपये वूसलने के मामले में डीडीसी, लेखपाल और स्टेनो पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। किसान के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए सीजेएम कोर्ट ने चकबंदी आयुक्त लखनऊ को आदेश की प्रतिलिपि भेजकर तीनों के खिलाफ जांच कर छह मार्च को कोर्ट में रिपोर्ट तलब कर ली है। कस्बा आदमपुर में निवासी धीरज कुमार के पिता मलखान सिंह की ओर से चकबंदी न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। जिसकी पैरवी धीरज कुमार करते हैं। आरोप है कि डीडीसी न्यायालय में खुशहाल बनाम मलखान की निगरानी एक अक्तूबर 2024 को दायर की गई। जिसमें धीरज कुमार के पिता मलखान सिंह को पक्षकार बनाया गया। 14 अक्तूबर को धीरज कुमार ने मामले में अपने पिता व अन्य पक्षकारों की ओर से सहमति प्रार्थना पत्र देते हुए निगरानी के निस्तारण की मांग की थी। आरोप है कि डीडीसी माया शंकर यादव ने तय तारीख पर निगरानी का निस्तारण नहीं किया। इसके बाद धीरज कुमार उनके पास पहुंचे तो उन्होंने अपने स्टेनो अजहरुद्दीन और चकबंदी लेखपाल अमित कुमार को बुला लिया। कोर्ट फीस के नाम पर एक लाख रुपये जमा कराने की बात कही। लिहाजा, 19 दिसंबर 2024 को धीरज कुमार ने कोर्ट फीस के 50 हजार रुपये जमा करा दिए। बकाया रुपये बाद में देने की बात कही। काफी समय बीत जाने के बाद डीडीसी ने निगरानी में कोई आदेश नहीं किया। 21 जनवरी की दोपहर एक बजे धीरज कुमार डीडीसी माया शंकर यादव के पास पहुंचे तो वहां लेखपाल अमित कुमार और स्टेनो अजहरुद्दीन भी मौजूद थे। आरोप है कि इस दौरान डीडीसी माया शंकर ने बकाया 50 हजार रुपये कोर्ट फीस जमा करने के लिए दवाब बनाया और फीस जमा नहीं करने पर आदेश खिलाफ करने की बात कही। धीरज कुमार ने रुपये की व्यवस्था नहीं होने की बात कही तो तीनों ने धीरज कुमार के पिता मलखान की जमीन पर चाचा चंद्रभान का चक बनाने की धमकी दी, रुपये वापस मांगने पर लौटाने से इनकार कर दिया। गाली-गलौज करते हुए अपमानित किया और हत्या करवाने की धमकी दी। पीड़ित धीरज कुमार ने मामले की शिकायत पुलिस से लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लिहाजा, उन्होंने अदालत की शरण ली। समर्थन में देशराज, जीशान और मुकेश ने बतौर साक्ष्य अपने शपथपत्र दिए। सीजेएम ओमपाल सिंह ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। अधिवक्ता वसीम अहमद के मुताबिक मामले में चकबंदी आयुक्त लखनऊ को डीडीसी माया शंकर यादव, चकबंदी लेखपाल अमित कुमार और स्टेनो अजहरुद्दीन के खिलाफ विभागीय जांच कराकर छह मार्च को कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।

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