तीन नए कानूनों को लेकर अमित शाह ने गृह मंत्रालय में बुलाई बैठक, सीएम योगी पहुंचे दिल्ली
- गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर राज्य जेल अधिकारियों द्वारा विचाराधीन कैदियों को राहत प्रदान करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 479 के प्रावधानों को लागू करने के लिए कहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय में तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर एक बैठक की समीक्षा करेंगे। इस मीटिंग में शामिल होने के सीएम योगी आदित्यनाथ भी दिल्ली पहुंच गए हैं। इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर राज्य जेल अधिकारियों द्वारा विचाराधीन कैदियों को राहत प्रदान करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 479 के प्रावधानों को लागू करने के लिए कहा है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे 1 जनवरी, 2025 से शुरू होने वाले एक निश्चित निर्धारित प्रारूप में जेलों में बीएनएसएस की धारा 479 के क्रियान्वयन की स्थिति मंत्रालय को उपलब्ध कराएं।
बतादें कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को दिल्ली में भारतपोल पोर्टल भी लॉन्च करेंगे, जिससे भारत भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) को त्वरित अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहायता के लिए वास्तविक समय की जानकारी मिल सकेगी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा विकसित भारतपोल पोर्टल भारत मंडपम में आयोजित एक कार्यक्रम में लॉन्च किया जाएगा। यह देश की कानून प्रवर्तन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा की गई कई प्रमुख पहलों का हिस्सा है। पोर्टल का उद्देश्य भारतीय एलईए को अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहायता तक तेजी से पहुंच के लिए वास्तविक समय की सूचना साझा करने में सक्षम बनाना है।
भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी-नई दिल्ली) के रूप में सीबीआई, कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित देश भर में विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर आपराधिक मामलों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की सुविधा प्रदान करती है। केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के स्तर पर, यह समन्वय इंटरपोल संपर्क अधिकारियों (आईएलओ) के माध्यम से निष्पादित किया जाता है, जो अपने-अपने संगठनों के भीतर पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और शाखा प्रमुखों के स्तर पर इकाई अधिकारियों (यूओ) से जुड़े होते हैं।
वर्तमान में, सीबीआई, आईएलओ और यूओ के बीच संचार मुख्य रूप से पत्रों, ईमेल और फैक्स पर निर्भर करता है। साइबर अपराध, वित्तीय अपराध, ऑनलाइन कट्टरपंथ, संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी आदि सहित अंतरराष्ट्रीय अपराधों के बढ़ते प्रभाव के कारण आपराधिक जांच में त्वरित और वास्तविक समय पर अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए, सीबीआई ने भारतपोल पोर्टल विकसित किया है, जो इसकी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से सुलभ है, जो सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाएगा।