दुकानें बंद हैं फिर भी ब्लैक में बिक रही शराब
अम्बेडकरनगर। कोरोन कफ्र्यू में सरकार ने गैर जरूरी चीजों की बिक्री पर रोक लगा...
अम्बेडकरनगर। कोरोन कफ्र्यू में सरकार ने गैर जरूरी चीजों की बिक्री पर रोक लगा दी है। जिससे शराब व ताड़ी की दुकाने बंद चल रही हैं। फिर भी जिले में जगह-जगह ब्लैक में शराब बिक रही है।
इस अवैध धंधे में किसकी कृपा बरस रही है। इसके जिम्मेदार कौन हैं पुलिस या आबकारी विभाग। ये शराब कहां से आ रही है, बाहर से या शराब ठेके से यह एक जटिल सवाल है। इसकी जवाब देही किसकी पर बनती है। जिस क्षेत्र में शराब ब्लैक में बेची जा रही है क्या बेचने वालों को पुलिस या आबकारी विभाग को डर नहीं हे। नगर से लेकर गांव तक 70 रुपऐ की देशी शराब का पौवा 150 से 200 रुपए में बिक रहा है। अंग्रजी शराब की बोतले भी दोगुने व तीन गुने दामों पर ब्लैक में बेची जा रही हैं। प्रश्न यह उठता है कि जब मदिरा के शौकीन मदिरा का सेवन जरूर करेंगे, चाहे वह तिजनी भी महंगी हो जाए और अवैध बिक्री करने वाले मंदिरा प्रमियों की जेब पर डाका डाल रहे हैं तो सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। जिले के हर क्षेत्र में कोरोना कफ्र्यू के दौरान नशीले पदार्थों की कालाबाजारी जोरों पर पर है। टांडा क्षेत्र के मोकाम में सरकारी ताड़ी की दुकान हो या जैतपुर थाना क्षेत्र के बेेरगा की सरकारी ताड़ी की दुकान हो यहां ताड़ी बेचने पर कोई प्रतिबंध नहीं दिखाई पड़ता है। बंदी के बाद भी नशीले पदार्थों की अबैध बिक्री चर्चा का विषय बनी हुई है।
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