अम्बेडकरनगर-मानदेय न मिलने से रोजगार सेवक नहीं जला सके खुशियों के दीप
जहांगीरगंज में 500 से अधिक ग्राम रोजगार सेवकों को पिछले तीन महीने से मानदेय नहीं मिला है। दीपावली पर आर्थिक तंगी के कारण वे न तो मिठाई खरीद पाए और न ही पटाखे। कई सेवक उधारी पर निर्भर हैं और घरों में...
जहांगीरगंज, संवाददाता। एक तरफ जहां पूरे देश में दीप पर्व पर चारों ओर दीयों की रौशनी से वातावरण जगमग रहा, वहीं जिले के नौ ब्लाकों के 500 से अधिक ग्राम रोजगार सेवकों के घर अंधेरे में डूबे रहे। पिछले तीन महीने से मानदेय का इंतजार कर रहे रोजगार सेवक इस दीपावली पर न तो बच्चों को लिए मिठाई का इंतजाम कर पाए और न ही पटाखों के। खाली जेबों ने उनके घरों पर त्यौहार की खुशियों को अधूरी कर दिया। जी हां! जिले के नौ ब्लाकों के आठ सौ से अधिक ग्राम पंचायतों में तैनात 525 ग्राम रोजगार सेवक तीन महीने से मानदेय न मिलने से पाई पाई को मोहताज हो गए हैं। रोजगार सेवक जिंदगी और घर गृहस्थी की गाड़ी उधारी के सहारे किसी तरह से चला रहे हैं। अब दुकानदार भी उधारी देने से मना कर रहे हैं, जिससे रोजगार सेवकों के सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इन रोजगार सेवकों में किसी के बच्चों की स्कूल की फीस नहीं जमा हो पा रही है तो किसी के मां की दवाओं का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। किसी के पिता का इलाज दवाओं के अभाव में रुका हुआ है तो किसी की पत्नी की बीमारियों की जांच नहीं हो पा रही है। मानदेय न मिलने से उधार लेने वाले रोजगार सेवकों के घरों पर तगादे वाले रोजाना दस्तक दे रहे हैं। विकास खंड जहांगीरगंज में 67, बसखारी में 76, टांडा में 81, जलालपुर में 43, भियांव में 52, कटेहरी में 69 तथा भीटी ब्लाक में लगभग 60 रोजगार सेवकों की तैनाती है। मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले रोजगार सेवकों को प्रति माह 7788 रुपये मानदेय मिलता है। मानदेय का इंतजार कर रहे ग्राम रोजगार सेवक संघ के जिलाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि मानदेय न मिलने से बहुत मुश्किल हो रही है। इतनी महंगाई में मानदेय न मिलने से कैसे गुजारा किया जाय समझ में नहीं आता है। फेस्टिवल सीजन होने के कारण और भी आर्थिक बोझ है।
...यहां तो छह महीने से बकाया है मानदेय
जहांगीरगंज विकास खंड की 89 ग्राम पंचायतों में तैनात 68 रोजगार सेवकों के सामने चुनौतियां और भी हैं। यहां के रोजगार सेवकों का मानदेय छह महीने से बकाया है। रोजगार सेवकों के अनुसार अप्रैल माह में मानदेय का भुगतान किया गया था लेकिन उसके बाद से मानदेय बाकी है। महंगाई चरम पर है उसके बावजूद रोजगार सेवक किसी तरह घर गृहस्थी की गाड़ी खींच रहे हैं। बताया जा रहा है कि रोजगार सेवकों को मानदेय नहीं मिलने के पीछे ब्लाक कर्मियों की लापरवाही है।
‘रोजगार सेवकों का मानदेय बकाया है। बजट उपलब्ध होगा तो सभी रोजगार सेवकों को मानदेय का भुगतान तुरंत कर दिया जाएगा।
सतीश सिंह, खंड विकास अधिकारी, जहांगीरगंज
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