Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़अंबेडकर नगरLack of Orthopedic Specialists Leaves Thousands in Alapur Tehsil Seeking Treatment from Quacks

पांच लाख की आबादी पर नहीं हैं एक भी हड्डी रोग विशेषज्ञ

आलापुर तहसील क्षेत्र में एक बड़ी आबादी हड्डी रोगों के इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर है। सरकारी अस्पतालों में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण मरीजों को सीमावर्ती जिलों में जाना पड़ता है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, अंबेडकर नगरThu, 17 Oct 2024 04:37 PM
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जहांगीरगंज संवाददाता। आलापुर तहसील क्षेत्र के एक बड़ी आबादी इलाज के लिए झोलाछाप अथवा निजी चिकित्सकों के भरोसे है। क्षेत्र में स्थित लगभग दर्जन भर सरकारी अस्पतालों में हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती न होने के कारण हजारों मरीजों को जहां सीमावर्ती जिलों में इलाज के लिए शरण लेनी पड़ती है वहीं दुर्घटना में घायलों को भी समय से इलाज नहीं मिल पाता जिसके लिए उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। जी हां ! लगभग पांच लाख की आबादी वाली तहसील आलापुर में हड्डी से संबंधित रोगों के इलाज के लिए हजारों लोगों को दर दर की ठोकरें खानी पड़ती है। तहसील क्षेत्र में आने वाले जहांगीरगंज विकास खंड में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जहांगीरगंज के अलावां पांच अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नरियांव, जल्लापुर, तेंदुआईकला, कम्हरिया घाट एवं कमालपुर पीकार हैं। रामनगर विकास खंड में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आलापुर के अलावां रामनगर, मकरही, माडरमऊ एवं लखनी पट्टी में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। लगभग दर्जन भर इन सरकारी अस्पतालों में एक भी हड्डी रोग विशेषज्ञ तैनात नहीं हैं। दोनों ब्लाकों के इन सभी सरकारी अस्पतालों में रोजाना लगभग एक हजार मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। इन मरीजों में करीब डेढ़ सौ से दो सौ मरीज रोजाना जोड़ों में दर्द, हड्डी के फ्रेक्चर व कमर दर्द के पहुंचते हैं लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने के कारण मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ता है। उन्हें सही उपचार नहीं मिल पा रहा। सही उपचार न मिलने की वजह से मरीजों को परेशान होना पड़ता है। अन्य चिकित्सक हड्डी से संबंधित मरीजों को दर्द निवारक या अन्य कोई सामान्य दवा लिखकर उपचार करने की खानापूर्ति कर देते हैं। सरकारी अस्पतालों में हड्डी रोग विशेषज्ञ तैनात नहीं होने से हजारों लोग निजी चिकित्सकों अथवा झोलाछाप डॉक्टरों के यहां इलाज कराने के लिए विवश होते हैं। जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है उन्हें भी इलाज के लिए सीमावर्ती जिलों आजमगढ़, गोरखपुर अथवा संतकबीरनगर की शरण लेनी पड़ती है। जिला मुख्यालय से लगभग 50 से 70 किलोमीटर दूर तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के हड्डी रोग से पीड़ित मरीजों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावां इमरजेंसी में अगर कोई सड़क दुर्घटना में घायल मरीज आ जाए और उसकी हड्डी फ्रेक्चर निकले, तो विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण उसे रेफर कर दिया जाता है। तहसील क्षेत्र आलापुर के सभी सरकारी अस्पतालों में हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती करने के बजाय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहांगीरगंज तथा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर पर हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती होने से तहसील क्षेत्र के हजारों लोगों को काफी राहत मिलेगी।

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