नए साल में जिले को दो कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की मिलेगी सौगात
Ambedkar-nagar News - अम्बेडकरनगर में 10 शिक्षा क्षेत्रों में से 8 में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) संचालित हैं। टांडा नगर और बसखारी ब्लॉक में केजीबीवी की स्थापना का प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने शासन को...
खत्म होगा इंतजार अभी 10 में से आठ शिक्षा क्षेत्र में संचालित है केजीबीवी विद्यालय
टांडा नगर व बसखारी ब्लॉक में नहीं है आवासीय बालिका विद्यालय
खत्म होगा इंतजार, शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को जल्द मिलेगी मंजूरी
अम्बेडकरनगर, संवाददाता। गरीब और आउट आफ स्कूल बच्चियों को शिक्षा दिलाने के लिए सरकार की कई योजना है। इसमें एक कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) योजना भी है। मानक के अनुसार केजीबीवी सभी शिक्षा क्षेत्र यानि हर ब्लाक और नगर में होना चाहिए।
फिलहाल जिले में मानक के अनुसार केजीबीवी की स्थापना नहीं है। दो शिक्षा क्षेत्र में केजीबीवी स्थापना नहीं हुई है। जिले में कुल 10 शिक्षा क्षेत्र हैं। इनमें कटेहरी, भीटी, अकबरपुर, टांडा, बसखारी, जलालपुर, भियांव, रामनगर, जहांगीरगंज और टांडा नगर शामिल हैं। शिक्षा क्षेत्र कटेहरी का तिवारीपुर में, अकबरपुर का बेवाना में, भीटी का भीटी में, टांडा का फत्तेपुर में, जहांगीरगंज का अहिरौली रानीमऊ में, रामनगर का रामनगर में, भियांव का रत्ना में, जलालपुर का फतेहपुर मोहिबपुर में केजीबीवी संचालित है। टांडा के अलावा हर जगह बालिकाओं के लिए हास्टल बना हुआ है। मानक और शासनादेश के अनुसार हर शिक्षा क्षेत्र में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय होना चाहिए, लेकिन शिक्षा क्षेत्र टांडा नगर और बसखारी में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय नहीं है। करीब तीन दशक से टांडा नगर और बसखारी ब्लाक में केजीबीवी की स्थापना का इंतजार है। अब इंतजार खत्म होने वाला है। दरअसल शिक्षा विभाग ने दो केजीबीवी के स्थापना का प्रस्ताव शासन को भेजा था अब शासन से प्रस्ताव से मंजूरी मिलने वाली है। केन्द्र सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को बढ़ावा देने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना संचालित की थी। योजना वर्ष 2006-07 में शुरू हुई थी। योजना का मुख्य उद्देश्य विषम परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाले वर्ग की बालिकाओं को आवासीय विद्यालय में प्रारंभिक शिक्षा दिलाना है। योजना में ऐसी बालिकाओं नामांकित किया जाता है, जो आउट ऑफ स्कूल होती हैं तथा जिनकी उम्र 10 वर्ष से ऊपर होती है। विशेष कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमने वाली जाति या समुदायों की बालिकाओं को प्राथमिकता के आधार पर शिक्षा दी जाती है। केजीबीवी के नोडल सत्य प्रकाश मौर्य के अनुसार केजीबीवी में 75 प्रतिशत अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं का तथा 25 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बच्चियों का नामांकन होता है। जिले के कुल आठ केजीबीवी में 800 छात्राएं नामांकित हैं। वहीं उच्च शिक्षा के लिए सात छात्रावास भी है।
‘जिले में 10 शिक्षा क्षेत्र में से आठ में केजीबीवी संचालित है। अन्य दो में केजीबीवी की स्थापना का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। आगामी शिक्षा सत्र से पहले प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है।
भोलेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, अम्बेडकरनगर
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